22 साल में इतना कुछ सीखकर जब वह बाहर जाएगा तो उनमें से सबसे योग्य 25 फीसदी युवाओं को सेना में वापस लिया जाएगा और शेष युवाओं को अलग-अलग जगह आरक्षण देकर नौकरी देने का काम किया जाएगा। जायसवाल ने कहा कि उन्हें बिहार में उच्च शिक्षा की स्थिति पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग लंबे समय से जदयू के पास रहा है। इधर, जदयू ने भाजपा अध्यक्ष के बयान पर जदयू ने पलटवार करने में देर नहीं की। जदयू के नेता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि उच्च शिक्षा के सत्र में विलम्ब के लिए सवाल उठाने वाले को यह जानकारी जरूर होगी कि राज्य सरकार के मंत्री एवं शिक्षा विभाग के पदाधिकारी सत्र को नियमित करने के लिए कुलाधिपति, कुलाधिपति कार्यालय, विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति एवं विश्वविद्यालय के पदाधिकारी के स्तर पर लगातार बैठक कर इस दिशा में सार्थक पहल करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा के प्रशासनिक ढाँचे के प्रमुख कुलाधिपति होते हैं। सवाल उठाने वाले क्या कुलाधिपति पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जदयू ने अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार की सलाह दी है।
--आईएएनएस
पटना न्यूज डेस्क !!
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