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बिहार में सड़क संपर्क को मिलेगी नई रफ्तार, 38 स्टेट हाईवे बनेंगे नेशनल हाईवे

बिहार में सड़क संपर्क को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ी पहल की जा रही है, जिसके तहत राज्य की 2515 किलोमीटर लंबे 38 स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे में बदला जाएगा। इस निर्णय से राज्य के 32 जिलों को सीधा लाभ मिलेगा और पथ निर्माण विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। सड़कों को 4 लेन में तब्दील किया जाएगा, जिससे यात्रा में समय की बचत होगी और क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।

बिहार में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की जा रही है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के 38 स्टेट हाईवे, जिनकी कुल लंबाई 2515 किलोमीटर है, उन्हें नेशनल हाईवे (राष्ट्रीय राजमार्ग) में परिवर्तित किया जाएगा। यह कदम राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने और क्षेत्रीय विकास को गति देने के लिए अहम माना जा रहा है।

32 जिलों को मिलेगा सीधा लाभ

इस परियोजना के तहत राज्य के कुल 32 जिलों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलने की उम्मीद है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा राज्य के पथ निर्माण विभाग ने मिलकर इस कार्य को प्राथमिकता दी है। विभाग ने इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है।

पथ निर्माण मंत्री के अनुसार, इन सड़कों को चार लेन (4-lane) में तब्दील किया जाएगा, जिससे वाहनों की रफ्तार में वृद्धि होगी और यात्रा में लगने वाले समय में भारी कमी आएगी। इसके साथ ही राज्य के औद्योगिक, कृषि और पर्यटन क्षेत्रों को भी सीधा लाभ पहुंचेगा।

यातायात और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

सड़क संपर्क के सुधरने से न केवल परिवहन व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि इससे बिहार की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। मालवाहन में आसानी, किसानों को बाजार तक बेहतर पहुंच, औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहन और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर इस योजना के प्रमुख लाभ होंगे।

वर्तमान में कई स्टेट हाईवे अपनी खराब स्थिति या सीमित चौड़ाई के कारण यातायात में बाधा बनते हैं, जिससे आम जनता को समय, ईंधन और संसाधनों की हानि होती है। नेशनल हाईवे में तब्दील होने से इन सड़कों की गुणवत्ता, सुरक्षा मानकों और रखरखाव में बड़ा सुधार आएगा।

राज्य के लिए रणनीतिक महत्व

राज्य सरकार का मानना है कि यह योजना बिहार को दूसरे विकसित राज्यों की बराबरी पर लाने में मददगार साबित होगी। बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्य में सड़क संपर्क का मजबूत होना अत्यंत आवश्यक है। इस योजना के तहत सीमांचल, कोसी, मगध, मिथिलांचल और भोजपुर क्षेत्र के जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी।

केंद्र से सहयोग की उम्मीद

हालांकि यह योजना केंद्र और राज्य दोनों के सहयोग से आगे बढ़ेगी, इसलिए केंद्र सरकार से भी तकनीकी और वित्तीय सहयोग की अपेक्षा की जा रही है। पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई प्रस्तावों को केंद्र के समक्ष प्रस्तुत किया गया है और जल्द ही स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है।

जनता को मिलेगा सीधा लाभ

योजना के क्रियान्वयन के बाद आम लोगों को सड़क के बेहतर नेटवर्क से सीधी सुविधा मिलेगी। विशेषकर ग्रामीण इलाकों के लोग मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार के क्षेत्र में भी सुधार होगा। इसके अलावा सड़क हादसों में कमी आने की भी संभावना जताई जा रही है।

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