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16 साल की लड़की ने जान दे दी, उससे सामूहिक दुष्कर्म करने वाले खुला घूम रहे, मौत पर जागी बिहार पुलिस

16 साल की लड़की ने जान दे दी, उससे सामूहिक दुष्कर्म करने वाले खुला घूम रहे, मौत पर जागी बिहार पुलिस

राज्य में कानून-व्यवस्था की हकीकत को उजागर करती एक और शर्मनाक घटना सामने आई है। सीवान जिले के एमएच नगर थाना क्षेत्र के करमासी गांव में गुरुवार को 16 वर्षीय एक नाबालिग लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का आरोप है कि लड़की के साथ कुछ युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था, जिससे आहत होकर उसने यह खौफनाक कदम उठाया।

इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे पुलिस तंत्र की सक्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इलाके में हर ओर पुलिस के मुखबिर और होमगार्ड जवानों की तैनाती के बावजूद, ऐसी भयावह घटना को अंजाम दे दिया गया और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। परिजन बताते हैं कि घटना के 24 घंटे के अंदर लड़की ने आत्महत्या कर ली, लेकिन पुलिस तब तक मौन रही जब तक उसकी जान नहीं चली गई।

परिजनों का आरोप:

परिजनों ने बताया कि घटना वाले दिन लड़की घर से किसी काम से निकली थी। लौटने के बाद वह बेहद घबराई हुई थी और किसी से ठीक से बात नहीं कर पा रही थी। उन्होंने महसूस किया कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है। लेकिन लड़की ने समाज की शर्मिंदगी और भय के चलते कुछ भी खुलकर नहीं बताया। अगली सुबह उसका शव घर में फंदे से लटका मिला।

सुसाइड नोट नहीं, फिर भी शक गहराया

हालांकि पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन परिवार का दावा है कि लड़की ने सामूहिक दुष्कर्म के चलते जान दी है। इससे आहत परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही और मामले को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो शायद उनकी बेटी की जान बचाई जा सकती थी।

पुलिस का दावा: जल्द होगी गिरफ्तारी

घटना की सूचना मिलते ही एमएच नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। अधिकारियों ने यह भी कहा कि परिजनों के बयान के आधार पर केस दर्ज किया गया है और कुछ संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है।

जनता में आक्रोश, कार्रवाई की मांग

घटना के बाद गांव में मातम और गुस्से का माहौल है। लोगों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में सुरक्षा के तमाम दावे केवल कागजों तक सीमित हैं।

सवालों के घेरे में व्यवस्था

यह घटना राज्य की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के दावों की पोल खोलती है। जब हर गली-मोहल्ले में पुलिस के मुखबिर और होमगार्ड तैनात हैं, तो आखिर यह अपराध कैसे घटा और क्यों नहीं हुआ समय पर हस्तक्षेप?

फिलहाल, सीवान पुलिस पर भारी दबाव है और सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या पीड़िता को समय रहते न्याय मिल पाएगा या यह मामला भी सिर्फ फाइलों तक सिमटकर रह जाएगा।

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