बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव का सीएम फेस घोषित करना बना विवाद का मुद्दा, कांग्रेस ने जताई आपत्ति

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तापमान तेजी से चढ़ता जा रहा है। इस सियासी गर्मी को और हवा मिली जब राजद नेता तेजस्वी यादव ने खुद को इंडिया गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया। तेजस्वी ने कहा कि,
“बिहार में मैं ही मुख्यमंत्री का चेहरा हूं। इंडिया गठबंधन में इस पर सहमति बन चुकी है।”
हालांकि तेजस्वी यादव के इस बयान ने गठबंधन के भीतर ही एक नई बहस छेड़ दी है। महज 24 घंटे के भीतर कांग्रेस ने तेजस्वी के दावे पर नाराजगी जताई है और कहा है कि अभी तक न तो एनडीए और न ही इंडिया गठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर कोई फैसला हुआ है।
कांग्रेस आई फ्रंट फुट पर
तेजस्वी के ऐलान के तुरंत बाद कांग्रेस नेताओं ने तेजस्वी की "एकतरफा घोषणा" पर आपत्ति जताई और कहा कि गठबंधन के अंदर आपसी सहमति और सामूहिक निर्णय से ही सीएम फेस तय किया जाएगा। कांग्रेस की ओर से यह संकेत साफ है कि वह अब बिहार की राजनीति में महज जूनियर पार्टनर नहीं बनना चाहती, बल्कि निर्णय लेने में हिस्सेदारी चाहती है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा,
“तेजस्वी यादव का बयान एकतरफा है। INDIA गठबंधन में इस पर अब तक कोई आधिकारिक चर्चा नहीं हुई है। इस तरह का ऐलान गठबंधन की गरिमा के खिलाफ है।”
सियासी गलियारों में हलचल
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेजस्वी यादव का यह कदम रणनीतिक रूप से आक्रामक है, जिसके जरिए वे पहले से ही खुद को मुख्यमंत्री की रेस में आगे दिखाना चाहते हैं। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि कहीं तेजस्वी खुद ही मियां मिट्ठू बनने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं?
तेजस्वी यादव की इस घोषणा से गठबंधन के भीतर अनबन या असहजता की स्थिति बन सकती है, खासकर तब जब कांग्रेस को लग रहा है कि उनकी भूमिका को नजरअंदाज किया जा रहा है।
जेडीयू और एनडीए पर भी असर
इंडिया गठबंधन में अंदरूनी खींचतान का सीधा लाभ एनडीए को मिल सकता है, जो पहले से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनावी रणनीति बनाने में जुटा है। वहीं, भाजपा इस पूरे घटनाक्रम को गठबंधन की अस्थिरता और तेजस्वी की अधीरता के रूप में प्रचारित करने में लगी है।