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सरकार को ईरान-इजरायल जंग पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए : कांग्रेस नेता हुसैन दलवई

मुंबई, 22 जून (आईएएनएस)। ईरान-इजरायल युद्ध हर बीतते दिन के साथ और तीव्र होता जा रहा है। इस लड़ाई में अब इजरायल के पक्ष में अमेरिका की एंट्री हो चुकी है। पूर्व कांग्रेस सांसद हुसैन दलवई ने केंद्र सरकार से इस युद्ध पर अपनी चुप्पी तोड़ने की अपील की है।
सरकार को ईरान-इजरायल जंग पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए : कांग्रेस नेता हुसैन दलवई

मुंबई, 22 जून (आईएएनएस)। ईरान-इजरायल युद्ध हर बीतते दिन के साथ और तीव्र होता जा रहा है। इस लड़ाई में अब इजरायल के पक्ष में अमेरिका की एंट्री हो चुकी है। पूर्व कांग्रेस सांसद हुसैन दलवई ने केंद्र सरकार से इस युद्ध पर अपनी चुप्पी तोड़ने की अपील की है।

हुसैन दलवई ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका को नहीं पड़ना चाहिए था। यह युद्ध और बढ़ सकता है। अमेरिका को इजरायल को समझाना चाहिए था। अगर इजरायल युद्ध से पीछे हटता तो ईरान खुद-ब-खुद पीछे हो जाता। ईरान पर जिस तरह से हमला हो रहा है, वह गलत है। इससे पहले गाजा में भी इजरायल ने मानवता को शर्मसार करने वाला काम किया, लेकिन अमेरिका ने कुछ नहीं किया।"

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भी इस युद्ध में ईरान के पक्ष में नहीं बोला है। नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के कहने पर सीजफायर कर दिया। अगर सीजफायर न हुआ होता तो पीओके हमारे हाथ में होता। क्या फायदा हुआ उस अटैक का। सरकार को अमेरिका के हस्तक्षेप को रोकना चाहिए और इजरायल को रोकना चाहिए।

हुसैन दलवई ने कहा कि अमेरिका या इजरायल ईरान को इसलिए टारगेट नहीं कर रहे क्योंकि वह एक मुस्लिम देश है। दोनों किसी दूसरे देश को शक्तिशाली देश के रूप में उभरते नहीं देखना चाहते, इसलिए हमला कर रहे हैं। इजरायल का निर्माण जबरदस्ती अरब देशों की जमीन पर हुआ है।

पूर्व सांसद ने कहा ईरान कश्मीर मुद्दे पर हमारा समर्थन करता है। हमें हमारी करेंसी में तेल देता है। हमारे लोग शिक्षा, नौकरी के लिए ईरान जाते हैं, वहां की सरकार हमारे नागरिकों की हिफाजत करती है। भारत सरकार ये सारी चीजें भूल गई है और चुप्पी साधे हुए है। सरकार की चुप्पी का मतलब इजरायल का समर्थन है। सरकार को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।

भारत सरकार पर हमला करते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि भारत गांधी का देश है। लेकिन, सरकार इस समय सावरकर के विचार को लेकर आगे बढ़ रही है और अमेरिका के दबाव में काम कर रही है। सरकार को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और इजरायल पर युद्ध रोकने का दबाव बनाना चाहिए।

--आईएएनएस

पीएके/एकेजे

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