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भगवान जगन्नाथ करोड़ों भक्तों की आस्था के प्रतीक : पृथ्वीराज हरिचंदन

पुरी, 27 जून (आईएएनएस)। ओडिशा के पुरी में विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुक्रवार को पूरे उत्साह और भक्ति के साथ शुरू हो गई। इस पवित्र अवसर पर लाखों भक्त भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा और सुदर्शन चक्र की एक झलक पाने के लिए पुरी की सड़कों पर उमड़ पड़े।
भगवान जगन्नाथ करोड़ों भक्तों की आस्था के प्रतीक : पृथ्वीराज हरिचंदन

पुरी, 27 जून (आईएएनएस)। ओडिशा के पुरी में विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुक्रवार को पूरे उत्साह और भक्ति के साथ शुरू हो गई। इस पवित्र अवसर पर लाखों भक्त भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा और सुदर्शन चक्र की एक झलक पाने के लिए पुरी की सड़कों पर उमड़ पड़े।

रंग-बिरंगे रथों पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए मंदिर के गर्भगृह से बाहर निकले। इस भव्य आयोजन का शुभारंभ ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन की उपस्थिति में हुआ, जिन्होंने इस उत्सव को भक्तों की आस्था का प्रतीक बताया।

उन्होंने कहा, "जगन्नाथ केवल एक देवता नहीं हैं, बल्कि करोड़ों भक्तों की आस्था और विश्वास के केंद्र हैं। हर साल की तरह इस बार भी वे अपने बड़े भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा और सुदर्शन चक्र के साथ अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए निकले हैं। यह रथ यात्रा भक्ति और श्रद्धा का अनुपम संगम है।"

उन्होंने आगे कहा कि रथ यात्रा के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं ताकि यह पवित्र उत्सव सुचारू और सुरक्षित रूप से संपन्न हो। यात्रा मार्ग के दो किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। इस क्षेत्र में केवल शाकाहारी भोजन की बिक्री की अनुमति है। हमारी प्राथमिकता यात्रा की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखना है। इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भक्तों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।

आपको बता दें, भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में तीन विशाल रथों को भक्तों द्वारा रस्सियों के सहारे खींचा जाता है, जो भगवान जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं। इस दौरान सड़कों पर भक्ति, भजनों और जयघोष की गूंज सुनाई देती है। भक्तों का उत्साह और श्रद्धा देखते ही बनता है। इस साल भी देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक उत्सव में हिस्सा लिया।

--आईएएनएस

एकेएस/एबीएम

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