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बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर : श्रद्धा, संरचना और सुरक्षा का संगम, भक्तों को सहज दर्शन का अवसर

मथुरा, 8 जून (आईएएनएस)। बांके बिहारी मंदिर की बहुप्रतीक्षित कॉरिडोर परियोजना अब मूर्त रूप लेने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद योगी सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर मंदिर के आसपास पांच एकड़ भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कॉरिडोर के निर्माण का उद्देश्य श्रद्धालुओं को सहज, सुरक्षित और गरिमामय तरीके से भगवान बांके बिहारी के दर्शन कराने के साथ-साथ मंदिर क्षेत्र में व्याप्त अव्यवस्था और भीड़-भाड़ की समस्याओं को दूर करना है।
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर : श्रद्धा, संरचना और सुरक्षा का संगम, भक्तों को सहज दर्शन का अवसर

मथुरा, 8 जून (आईएएनएस)। बांके बिहारी मंदिर की बहुप्रतीक्षित कॉरिडोर परियोजना अब मूर्त रूप लेने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद योगी सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर मंदिर के आसपास पांच एकड़ भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कॉरिडोर के निर्माण का उद्देश्य श्रद्धालुओं को सहज, सुरक्षित और गरिमामय तरीके से भगवान बांके बिहारी के दर्शन कराने के साथ-साथ मंदिर क्षेत्र में व्याप्त अव्यवस्था और भीड़-भाड़ की समस्याओं को दूर करना है।

कॉरिडोर के निर्माण के बाद मंदिर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को अब अव्यवस्थाओं से जूझना नहीं पड़ेगा। कॉरिडोर में श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध पेयजल, विश्राम स्थल, स्वच्छ शौचालय, चिकित्सा केंद्र, लॉकर, प्रसाद वितरण और सुरक्षा व्यवस्था जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। यह परियोजना श्रद्धा और संरचना का एक अनुपम संगम बनकर उभरेगी।

इनके अलावा, बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्थित व्यवस्थाओं के कारण अतीत में कई बार भगदड़ जैसी घटनाएं घट चुकी हैं। नई कॉरिडोर व्यवस्था से यह खतरा काफी हद तक समाप्त हो जाएगा और दर्शन व्यवस्था अधिक सुगम व सुव्यवस्थित होगी। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि बांके बिहारी मंदिर के सेवायतों (गोस्वामी समाज) के पारंपरिक अधिकार, सेवाएं और धार्मिक परंपराएं यथावत बनी रहेंगी। सरकार केवल बाह्य विकास कार्य करेगी, मंदिर की धार्मिक व्यवस्था में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है कि 1939 से बांके बिहारी मंदिर में सिविल कोर्ट द्वारा रिसीवर नियुक्त किया गया है, इसके बावजूद मंदिर क्षेत्र में व्याप्त अव्यवस्था को पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सका है। नई कॉरिडोर परियोजना इन समस्याओं का समाधान लेकर आएगी। कॉरिडोर निर्माण के दौरान यदि किसी की दुकान या मकान प्रभावित होता है, तो राज्य सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि उन्हें दुकान के बदले दुकान और मकान के बदले मुआवजा अथवा वैकल्पिक व्यवस्था दी जाएगी। इस तरह, परियोजना में कोई सामाजिक असंतोष न उत्पन्न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।

कॉरिडोर निर्माण के बाद यहां आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में चार गुना तक वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। इससे न केवल स्थानीय व्यापार को गति मिलेगी, बल्कि पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होगा। स्थानीय दुकानदारों और छोटे कारोबारियों की आमदनी में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।

--आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

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