Sharmistha की गिरफ्तारी के बाद वजाहत खान लापता, अब उस पर भी हिन्दू धर्म अपमान का आरोप

सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार की गई कानून की छात्रा और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को लेकर मामला अब नया मोड़ ले चुका है। पनोली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले युवक वजाहत खान कथित रूप से लापता हो गए हैं। उनके परिवार का दावा है कि वह रविवार रात से घर नहीं लौटे हैं और शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद से उन्हें धमकी भरे फोन कॉल्स मिल रहे हैं।
परिवार ने जताई चिंता, बताया बेटा धर्मनिरपेक्ष
वजाहत खान के पिता सआदत खान ने मीडिया को दिए बयान में बताया कि उनका बेटा निर्दोष और धर्मनिरपेक्ष है। उन्होंने कहा, “वह हिंदू धर्म का कभी अपमान नहीं कर सकता। हमें शक है कि उसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल हैक कर ली गई थी।” सआदत खान का यह भी कहना है कि पिछले कुछ दिनों से वजाहत को गाली-गलौज और धमकी भरे कॉल्स आ रहे थे, जिनमें उसे शर्मिष्ठा पनोली की “जिंदगी बर्बाद” करने का जिम्मेदार ठहराया गया।
पनोली की गिरफ्तारी पर उठा राजनीतिक तूफान
शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी पर दक्षिणपंथी संगठनों और भाजपा नेताओं ने तीव्र विरोध जताया है। पनोली पर आरोप है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर चुप रहने के लिए मुस्लिम बॉलीवुड सितारों की आलोचना करते हुए अपमानजनक और सांप्रदायिक भाषा का प्रयोग किया था। इसी वीडियो के आधार पर उन्हें 30 मई की रात गुरुग्राम से गिरफ्तार कर कोलकाता लाया गया, जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पनोली ने विवादित वीडियो को हटा लिया था और सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी, लेकिन इसके बावजूद कोलकाता पुलिस ने कार्रवाई की।
वजाहत पर भी केस, गार्डन रीच थाने में FIR
इसी बीच वजाहत खान के खिलाफ श्री राम स्वाभिमान परिषद ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर हिंदू समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने का आरोप है। आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर हिंदुओं को ‘बलात्कारी’, ‘मूत्र पीने वाला’ जैसे शब्दों से संबोधित किया, हिंदू देवी-देवताओं पर अश्लील भाषा का प्रयोग किया और धार्मिक परंपराओं व मंदिरों का मज़ाक उड़ाया। इस शिकायत पर कोलकाता के गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 196(1)(a), 299, 352 और 353(1)(c) और आईटी अधिनियम की धाराओं 66A और 67 के तहत केस दर्ज किया गया है।
असम सरकार भी सक्रिय
वजाहत के कथित पोस्ट को लेकर असम में भी केस दर्ज हुआ है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बयान दिया है कि राज्य की पुलिस टीम पश्चिम बंगाल जाकर मामले में सहयोग करेगी और वजाहत को कानून के दायरे में लाया जाएगा।
निष्कर्ष
शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी और वजाहत खान के लापता होने का मामला अब राजनीतिक और साम्प्रदायिक तनाव का रूप लेता दिख रहा है। दोनों पक्षों पर गंभीर आरोप हैं और पुलिस को अब इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष और तेज़ जांच करनी होगी। सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आज़ादी और धार्मिक भावनाओं के बीच की संवेदनशील रेखा एक बार फिर चर्चा में है।