पूर्वोत्तर में बाढ़, बारिश और भूस्खलन से हाहाकार! अब तक 48 लोगों की मौत, 5.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित

असम और पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों में जारी बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और अब तक की रिपोर्ट के अनुसार इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 48 से पार पहुंच गई है। खासतौर पर असम में हालात और बिगड़ गए हैं, जहां मंगलवार को 6 और लोगों की मौत दर्ज की गई, जिससे इस साल बाढ़ व भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 17 हो गई है।
पीएम मोदी ने बाढ़ प्रभावित राज्यों से बातचीत कर दी मदद का भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संकट की गंभीरता को समझते हुए लगातार पूर्वोत्तर के राज्यों पर नजर बनाए हुए हैं। मंगलवार को उन्होंने असम और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से भी बात कर हालात की जानकारी ली। पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में राहत, बचाव और पुनर्वास के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
पूर्वोत्तर के 7 राज्यों में बाढ़-भूस्खलन से 48 मौतें
पूर्वोत्तर के अधिकारी बताते हैं कि 29 मई से शुरू हुई बारिश और बाढ़ ने कई राज्यों में तबाही मचाई है। असम में 17 मौतें हुई हैं। अरुणाचल प्रदेश में 12, मेघालय में 6, मिजोरम में 5, सिक्किम में 4, त्रिपुरा में 2 और नागालैंड तथा मणिपुर में एक-एक मौत दर्ज की गई है।
असम में बाढ़ ने प्रभावित किए 6.33 लाख से ज्यादा लोग
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 21 जिलों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण 6.33 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। 1506 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं और 14,739 हेक्टेयर फसल की भूमि जलमग्न हो चुकी है। ब्रह्मपुत्र सहित राज्य की सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे बाढ़ का संकट और गहरा गया है।
मणिपुर में 10,477 घर बाढ़ की चपेट में
मणिपुर में बाढ़ के कारण 56,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। खासतौर पर राजधानी इंफाल और इंफाल पूर्वी जिले के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। 10,477 घर बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए हैं। नदियों के उफान के कारण सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ है।
नागालैंड में NH-2 सड़क का 50 मीटर हिस्सा बहा
नगालैंड के कोहिमा जिले के फ़ेसामा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग NH-2 का लगभग 50 मीटर हिस्सा बारिश में बह गया है। इससे नागालैंड और मणिपुर के बीच मुख्य आवाजाही मार्ग बंद हो गया है। 100 से अधिक मालवाहक ट्रक पिछले कई दिनों से सड़क पर फंसे हुए हैं क्योंकि आगे जाने का कोई रास्ता उपलब्ध नहीं है।
मिजोरम में 600 से अधिक लैंडस्लाइड की घटनाएं
मिजोरम में पिछले 100 दिनों के दौरान 600 से अधिक भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जो भारी बारिश का नतीजा हैं। हालांकि, त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में बाढ़ की स्थिति में थोड़ी राहत देखने को मिली है।
असम में बाढ़ और भूस्खलन से 17 मौतें
असम में सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिनमें कटाखाल नदी भी शामिल है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, सोमवार से मंगलवार तक छह और मौतें हुई हैं। मृतकों में हैलाकांडी, श्रीभूमि, मोरीगांव, कछार, सोनितपुर और तिनसुकिया जिले के लोग शामिल हैं। इससे इस साल बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 17 हो गई है।
राहत और बचाव के लिए सेना की अभियान ‘जल राहत-II’ जारी
पूर्वोत्तर में बाढ़ संकट से निपटने के लिए सेना ने भी मदद के प्रयास तेज कर दिए हैं। मुख्यालय ईस्टर्न कमान के तहत असम राइफल्स ‘ऑपरेशन जल राहत-II’ के अंतर्गत मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान लगातार चला रही है। खासतौर पर मणिपुर और त्रिपुरा में सेना बचाव कार्य में लगी हुई है।
सारांश:
पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। असम, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम और अन्य राज्यों में लगातार बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को भारी नुकसान पहुंचाया है। हजारों लोग प्रभावित हुए हैं, सैकड़ों घर और हजारों हेक्टेयर फसल जलमग्न हैं। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संपर्क में हैं और राहत कार्यों के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। सेना भी राहत कार्यों में जुटी हुई है ताकि प्रभावित लोगों तक त्वरित सहायता पहुंचाई जा सके।