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असम के होजाई जिले में बड़ा हादसा, फुटेज में देखें राजधानी एक्सप्रेस की चपेट में आया हाथियों का झुंड, सात की मौत, एक शावक घायल

असम के होजाई जिले में बड़ा हादसा, फुटेज में देखें राजधानी एक्सप्रेस की चपेट में आया हाथियों का झुंड, सात की मौत, एक शावक घायल

असम के होजाई जिले में शनिवार तड़के एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब हाथियों का एक झुंड सैरंग–नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस की चपेट में आ गया। इस हादसे में सात हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक हाथी का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। राहत की बात यह रही कि इस दुर्घटना में किसी भी यात्री के घायल होने की सूचना नहीं है।

जानकारी के अनुसार यह हादसा सुबह करीब 2 बजकर 17 मिनट पर चांगजुराई गांव के पास हुआ। राजधानी एक्सप्रेस तेज रफ्तार में अपने गंतव्य की ओर बढ़ रही थी, तभी अचानक रेलवे ट्रैक पर हाथियों का झुंड आ गया। कोहरे और कम दृश्यता के कारण लोको पायलट हाथियों को समय रहते नहीं देख पाया और ट्रेन उनसे टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रेन का इंजन और पांच कोच पटरी से उतर गए।

शुरुआत में इस हादसे में आठ हाथियों के मारे जाने की खबर सामने आई थी, लेकिन बाद में वन विभाग ने स्पष्ट किया कि सात हाथियों की मौत हुई है, जबकि एक शावक जीवित है। घायल हाथी के बच्चे को तत्काल वन विभाग और स्थानीय पशु चिकित्सकों की निगरानी में इलाज के लिए ले जाया गया। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है और विशेषज्ञ डॉक्टर लगातार उसकी देखभाल कर रहे हैं।

नगांव के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) सुहास कदम ने बताया कि शुरुआती जांच में घने कोहरे को हादसे की मुख्य वजह माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह इलाका हाथियों के प्राकृतिक आवागमन का मार्ग है और पहले भी यहां वन्यजीवों के ट्रेन से टकराने की घटनाएं सामने आती रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मृत हाथियों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है, ताकि मौत के कारणों की आधिकारिक पुष्टि की जा सके।

हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। रेलवे ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया और प्रभावित ट्रैक को बहाल करने का प्रयास किया गया। हादसे के कारण इस रूट पर कुछ समय के लिए रेल यातायात बाधित रहा, हालांकि बाद में वैकल्पिक व्यवस्था कर ट्रेनों को धीरे-धीरे रवाना किया गया।

इस घटना ने एक बार फिर रेलवे ट्रैक के पास वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों का कहना है कि हाथियों की आवाजाही वाले इलाकों में ट्रेन की गति सीमित की जानी चाहिए और आधुनिक चेतावनी प्रणालियां लगाई जानी चाहिए, ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।

गौरतलब है कि असम के कई हिस्सों में रेलवे लाइन जंगलों और हाथी गलियारों से होकर गुजरती है। ऐसे में मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इस दर्दनाक हादसे ने न केवल वन्यजीव संरक्षण की चुनौतियों को उजागर किया है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।

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