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एनआईए ने Assam में पीएफआई के 10 नेताओं को गिरफ्तार किया !

एनआईए ने Assam में पीएफआई के 10 नेताओं को गिरफ्तार किया !
गुवाहाटी न्यूज डेस्क !!! राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को असम में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कम से कम दस नेताओं को विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। असम पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में पीएफआई के पूर्वोत्तर क्षेत्रीय सचिव अमीनुल हक भी शामिल हैं, जिन्हें एनआईए ने गुरुवार तड़के गुवाहाटी के हाटीगांव इलाके से गिरफ्तार किया।बताया जाता है कि हक को पहले भी कई बार पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा चुका है।गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों की पहचान अब्दुल रज्जाक, रोबिउल हुसैन, नजरूल इस्लाम भुयान, रफीकुल इस्लाम, अबू समा अहमद, फरहाद अली, खलीलुर रहमान, मुफ्ती रहमतुल्लाह और बजलुल करीम के रूप में हुई है।

इस बीच, असम पुलिस ने एक बयान में दावा किया कि पीएफआई के नेता पूरे राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।बयान में कहा गया है कि पीएफआई नेता नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), एनआरसी (नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर) और डी-वोटर, नई राज्य शिक्षा नीति, पशु संरक्षण अधिनियम, अफस्पा का विस्तार, टीईटी परीक्षा, अग्निपथ योजना सहित सरकार की हर नीति की आलोचना करके सांप्रदायिक जुनून और धार्मिक अल्पसंख्यक की भावनाओं को भड़काने में लिप्त थे। इन्होंने अतिक्रमित सरकारी जमीन को खाली कराने की कार्रवाइयों को मुस्लिम समुदाय पर हमला करार दिया।

पुलिस ने यह भी कहा कि पीएफआई नेता कथित तौर पर साइबर स्पेस का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे थे, ताकि लोगों को राज्य सरकार की अवहेलना करने, समाज को धार्मिक आधार पर विभाजित करने और नीतियों के क्रियान्वयन में सरकार को बाधित करने के लिए उकसाया जा सके। पुलिस के बयान में कहा गया है, पीएफआई के ये नेता राज्य के बाहर के मुद्दों को उठाकर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से गलत प्रचार करके लोगों को गुमराह कर रहे थे और सरकार के खिलाफ लोगों को उकसा रहे थे। इनमें हिजाब मुद्दे पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वालों की यूपी, बिहार और दिल्ली में की गई गिरफ्तारी को उजागर करना शामिल है। इन्होंने बिलकिस बानो मुद्दे, ज्ञानवापी मस्जिद पर अदालत के फैसले, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले आदि की आलोचना की।

--आईएएनएस

असम न्यूज डेस्क !!! 

एसजीके/एएनएम

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