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असम में बाल विवाह के खिलाफ एक्शन मोड में सरकार, अब तक 4 हजार से अधिक गिरफ्तार

गुवाहाटी, 1 जून (आईएएनएस)। असम पुलिस ने बाल विवाह के खिलाफ अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत बड़ी कार्रवाई की है। असम पुलिस ने तीन विशेष अभियानों के तहत 5,000 से अधिक मामले दर्ज किए हैं और 4,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
असम में बाल विवाह के खिलाफ एक्शन मोड में सरकार, अब तक 4 हजार से अधिक गिरफ्तार

गुवाहाटी, 1 जून (आईएएनएस)। असम पुलिस ने बाल विवाह के खिलाफ अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत बड़ी कार्रवाई की है। असम पुलिस ने तीन विशेष अभियानों के तहत 5,000 से अधिक मामले दर्ज किए हैं और 4,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।

असम के मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बाल विवाह के खिलाफ अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।

असम के सीएम ऑफिस ने एक्स पोस्ट करके बताया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ कड़ा अभियान शुरू किया है। ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत तीन विशेष अभियानों में अब तक 5,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और 4,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

असम के मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डाटा शेयर कर बाल विवाह को लेकर की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि बाल विवाह को लेकर तीन चरणों में अभियान चलाया गया है। पहला चरण फरवरी 2023 में शुरू हुआ। इसके बाद दूसरा चरण अक्टूबर 2023 में चलाया गया और तीसरा चरण दिसंबर 2024 में चलाया गया है।

इस अभियान के तहत असम पुलिस ने अब तक 5,523 मामले दर्ज किए और 4,954 लोगों को गिरफ्तार किया है।

उल्लेखनीय है कि असम के मुख्यमंत्री सरमा ने पिछले साल दिसंबर में दावा किया था कि 2026 तक राज्य से बाल विवाह खत्म हो जाएगा।

उन्होंने एक बयान में कहा था, "मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद मैंने राज्य से बाल विवाह की बुराई को खत्म करने का संकल्प लिया था। शुरुआत में हमने बाल विवाह में शामिल होने के आरोप में करीब 5,000 लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद गिरफ्तारियों की संख्या घटकर 2,000 हो गई थी।"

बता दें कि असम में बाल विवाह से लड़ने के लिए ‘संतुष्ट मोइना योजना’ शुरू की गई है। राज्य सरकार की ‘संतुष्ट मोइना’ पहल का लक्ष्य 1,500 करोड़ रुपए के खर्च के साथ 10 लाख छात्राओं को कवर करना है।

--आईएएनएस

एफएम/एबीएम

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