चित्तूर पुलिस की एक टीम ने उन्हें 10 मई को हैदराबाद में हिरासत में लिया था। उन्हें 11 मई की तड़के चित्तूर में एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था। हालांकि, मजिस्ट्रेट ने नारायण को उनके वकील की इस दलील से सहमत होने के बाद जमानत दे दी कि उन्होंने 2014 में नारायण समूह के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। नारायण और सात अन्य को 27 अप्रैल को एसएससी परीक्षा के प्रश्न पत्र के लीक होने के संबंध में चित्तूर शहर में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने एक परीक्षा केंद्र से तेलुगू प्रश्न पत्र लीक होने और व्हाट्सएप ग्रुप में प्रसारित होने के बाद मामला दर्ज किया था। यह मामला जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) की शिकायत पर 27 अप्रैल को तेलुगू भाषा के प्रश्न पत्र के सर्कुलेशन के बारे में दर्ज किया गया था। नारायण की गिरफ्तारी के मद्देनजर, उनकी बेटियों, दामाद और नारायण समूह से जुड़े अन्य लोगों ने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया। विपक्षी टीडीपी ने नारायण की गिरफ्तारी की निंदा की और इसे वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया।
--आईएएनएस
अमरावती न्यूज डेस्क !!!
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