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सौभाग्यशाली हैं वे भक्त, जो बाबा अमरनाथ की यात्रा करते हैं : सदानंद दास महाराज

जम्मू, 10 जुलाई (आईएएनएस)। पहलगाम आतंकी हमले के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा आरंभ हुई है। भक्त लगातार यहां पहुंच रहे हैं और बाबा अमरनाथ के दर्शन कर जीवन को मंगलमय बना रहे हैं। यहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बरसाना के सदानंद दास महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सुरक्षा में तैनात जवानों की सराहना की है।
सौभाग्यशाली हैं वे भक्त, जो बाबा अमरनाथ की यात्रा करते हैं : सदानंद दास महाराज

जम्मू, 10 जुलाई (आईएएनएस)। पहलगाम आतंकी हमले के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा आरंभ हुई है। भक्त लगातार यहां पहुंच रहे हैं और बाबा अमरनाथ के दर्शन कर जीवन को मंगलमय बना रहे हैं। यहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बरसाना के सदानंद दास महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सुरक्षा में तैनात जवानों की सराहना की है।

सदानंद दास महाराज ने गुरुवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि भक्तों से अपील है कि वे यह न सोचें कि प्राकृतिक रूप से बनने वाला बर्फ का शिवलिंग पिघल रहा है तो यहां आने का प्लान कैंसल कर दें क्योंकि वे भक्त सौभाग्यशाली हैं जो यहां पर पहुंचते हैं।

उन्होंने कहा कि यात्रा बहुत अच्छी रही है, जिसे शब्दों में बयां नही कर सकते हैं। छह दिन की यात्रा रही है। बाबा अमरनाथ का दर्शन दिव्य दर्शन है। हम लोगों ने अमर कबूतरों के दर्शन भी किए। अमरनाथ जाने का सौभाग्य उसे ही प्राप्त होता है जिसे बाबा खुद अपने पास बुलाते हैं।

उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान मन में भय नहीं था। सुरक्षा के पुख्ते इंताम थे। 10-10 कदम पर सिपाही मौजूद थे। पीएम मोदी को आभार जताना चाहते हैं कि उन्होंने बहुत अच्छी व्यवस्था की है।

भक्तों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि शिवलिंग पिघल रहा है, इसलिए भक्त नहीं आएंगे, यह ठीक बात नहीं है। यहां आकर इस जगह के महत्व को भी समझना जरूरी है। मन को बहुत ही सुकून मिलेगा। यहां पर सभी तरह की व्यवस्था की गई है। भगवान अमरनाथ के दर्शन वे ही करते हैं, जिसे बाबा ने खुद बुलावा भेजा होता है।

महंत स्वामी रामेश्वर दास ने बताया कि हिम शिवलिंग एक दिव्य घटना है जो केवल भारत में ही बनती है, किसी विदेशी भूमि पर नहीं, भले ही वहां भारी बर्फबारी हो रही हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत देवताओं और ऋषियों की भूमि है, और पूरा देश धर्म के साथ खड़ा है। भगवान शंकर की आस्था है। वहां पर ऊर्जा का केंद्र है, भक्ति का स्रोत है। आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है। धर्म की जानकारी मिलती है। वहां जाकर व्यक्ति को ज्ञान होता है कि जीवन नश्वर है, धर्म ही हमारा साथी है। आदमी अहंकार में बहुत कुछ गलत कर जाता है। इस यात्रा के दौरान उसे बोध होता है कि वह गलत कर रहा था। धर्म के साथ वह अपने जीवन को बदलने के लिए आगे बढ़ता है।

--आईएएनएस

डीकेएम/एकेजे

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