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प्रज्वल रेवन्ना केस में Alka Lamba की BJP को खरी-खरी! PM Modi को लेकर कह डाली ये बड़ी बात, यहां देखे वायरल वीडियो 

प्रज्वल रेवन्ना केस में Alka Lamba की BJP को खरी-खरी! PM Modi को लेकर कह डाली ये बड़ी बात, यहां देखे वायरल वीडियो 

कांग्रेस नेता अलका लांबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कर्नाटक में अपराधियों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उन नेताओं के लिए वोट मांग रहे हैं जिन पर बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के आरोप हैं। उनका इशारा जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना की ओर था, जो महिलाओं के यौन शोषण और आपत्तिजनक वीडियो बनाने के मामले में फरार हैं।

अलका लांबा ने कहा, "प्रधानमंत्री देश की जनता के सामने 'महान नैतिकता' और 'नारी सम्मान' की बात करते हैं, लेकिन जब बात अपने सहयोगियों की आती है, तो उनकी जुबान बंद हो जाती है। कर्नाटक में प्रज्वल रेवन्ना पर बलात्कार के गंभीर आरोप हैं और वह फरार है। इसके बावजूद, प्रधानमंत्री मोदी चुनावी मंच से अपने परिवार और पार्टी के लिए वोट मांग रहे हैं। क्या यही 'नारी शक्ति' का सम्मान है?"

कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि मोदी सरकार 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा तो देती है, लेकिन क्या बलात्कार के आरोपियों को संरक्षण देना उस नारे की मूल भावना के साथ विश्वासघात नहीं है? उन्होंने कहा कि देश की जनता अब देख रही है कि सत्ता के लालच में नैतिकता को कैसे दांव पर लगा दिया गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं ने यौन शोषण और आपत्तिजनक वीडियो बनाने का आरोप लगाया है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद, वह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। कांग्रेस लगातार भाजपा और जेडीएस पर सत्ता के संरक्षण में अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगा रही है।

अलका लांबा ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी को जवाब देना चाहिए कि क्या वह अपराधियों के समर्थन में वोट मांग रहे हैं? क्या नारी सुरक्षा सिर्फ़ चुनावी नारा है? जब देश की बेटियाँ न्याय के लिए दर-दर भटक रही हैं, तो प्रधानमंत्री मंच पर अपराधियों के परिवारों की तालियाँ बजवा रहे हैं।"कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को हर तरफ से घेरने की रणनीति बनाई है। पार्टी नेताओं का कहना है कि वे इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक उठाएँगे और जनता के सामने भाजपा की 'दोहरी नीति' को उजागर करेंगे।

विपक्ष का दावा है कि प्रज्वल रेवन्ना मामला प्रधानमंत्री मोदी की 'न खाऊँगा, न खाने दूँगा' वाली नीति को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री वाकई महिलाओं के सम्मान और न्याय के पक्षधर हैं, तो उन्हें तुरंत प्रज्वल रेवन्ना की गिरफ़्तारी सुनिश्चित करनी चाहिए और उनके परिवार के पक्ष में वोट मांगने से बचना चाहिए।इस मुद्दे पर देश का राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी जनता इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दे रही है। अलका लांबा का यह बयान आने वाले दिनों में राजनीतिक गलियारों में और हलचल मचा सकता है।

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