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2029 में नहीं मिली बड़ी जिम्मेदारी तो ममता बनर्जी जीवनभर रहेंगी बंगाल की मुख्यमंत्री: ब्रात्य बासु

हावड़ा, 26 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बासु ने सीएम ममता बनर्जी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर 2029 में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं आती है तो वह आजीवन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी रहेंगी।
2029 में नहीं मिली बड़ी जिम्मेदारी तो ममता बनर्जी जीवनभर रहेंगी बंगाल की मुख्यमंत्री: ब्रात्य बासु

हावड़ा, 26 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बासु ने सीएम ममता बनर्जी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर 2029 में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं आती है तो वह आजीवन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी रहेंगी।

हावड़ा में डीपीएससी की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए ब्रात्य बासु ने कहा, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वाममोर्चा के चौंतीस साल के शासन का रिकॉर्ड तोड़ देंगी। वह शारीरिक रूप से फिट हैं। पूरे राज्य में घूमती हैं। अगर 2029 में उनके कंधों पर कोई और बड़ी जिम्मेदारी नहीं आती है, तो वह आजीवन मुख्यमंत्री बनी रहेंगी। मुख्यमंत्री इस राज्य का चेहरा हैं। उन्हें अपने विकास कार्यों के लिए आम लोगों का प्यार और आशीर्वाद मिला है।"

ब्रात्य बासु ने कहा कि ममता बनर्जी जाति और धर्म से ऊपर उठकर कोई भी कार्य करती हैं और वह सभी के साथ रथ यात्रा उत्सव में भी शामिल हुईं।

राज्य में स्नातक प्रवेश प्रक्रिया पोर्टल के माध्यम से चल रही है। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार हम लोग पोर्टल चला रहे हैं। आशा है प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़े इस विषय पर न्यायालय जल्द ही फैसला सुनाएगी। राज्य सरकार इस पर नजर बनाए हुए है।

दरअसल, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने 2012 में 77 श्रेणियों को ओबीसी आरक्षण दिया था। मई 2024 में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 77 श्रेणियों को दिए गए ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया था। 10 जून को पश्चिम बंगाल सरकार ने पिछली सूची की तुलना में मामूली बदलावों के साथ राज्य विधानसभा में नई ओबीसी सूची पेश की। ममता बनर्जी सरकार द्वारा तैयार की गई नई ओबीसी सूची में 76 मुस्लिम वर्गों को शामिल किया गया था।

इस पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी। हाईकोर्ट का यह आदेश उस दिन आया जब राज्य सरकार ने नई ओबीसी सूची के आधार पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए पोर्टल खोला। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा और न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने 31 जुलाई को अगली सुनवाई तक अंतरिम रोक जारी की। बंगाल सरकार मामले को सुप्रीम कोर्ट में लेकर गई है।

--आईएएनएस

पीएके/डीएससी

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