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परिवारवाद और वंशवाद ही अखिलेश यादव और इंडी अलायंस का मेनिफेस्टो : भूपेंद्र सिंह चौधरी

लखनऊ, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा टिकट बांटने में परिवार को प्राथमिकता देने पर करारा हमला करते हुए कहा कि उनका समाजवाद से कोई लेना-देना नहीं है। वह सिर्फ परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति कर रहे हैं। यह उन पर इस कदर हावी है कि अपने कार्यकर्ताओं को भूल गये हैं।
परिवारवाद और वंशवाद ही अखिलेश यादव और इंडी अलायंस का मेनिफेस्टो : भूपेंद्र सिंह चौधरी

लखनऊ, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा टिकट बांटने में परिवार को प्राथमिकता देने पर करारा हमला करते हुए कहा कि उनका समाजवाद से कोई लेना-देना नहीं है। वह सिर्फ परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति कर रहे हैं। यह उन पर इस कदर हावी है कि अपने कार्यकर्ताओं को भूल गये हैं।

उन्होंने कहा कि परिवारवाद और वंशवाद ही अखिलेश संग इंडी अलायंस का असली मेनिफेस्टो है। कन्नौज में भतीजा तेज प्रताप यादव, मैनपुरी में पत्नी डिंपल यादव, आजमगढ़ में भाई धमेंद्र यादव और चाचा शिवपाल को पहले बदायूं से टिकट दिया, बाद में उनके बेटे आदित्य यादव को टिकट दिया गया। इसकी वजह से कार्यकर्ताओं में काफी निराशा और हताशा है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश को अपना परिवार मानते हैं। उनकी यह सोच मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में साफ देखी जा सकती है। यही वजह है कि देश की जनता इस बार 400 पार को आत्मसात करते हुए नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प कर चुकी है।

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव व उनके इंडी पार्टनर्स वोट बैंक की राजनीति के लिए तुष्टीकरण पर आमादा हैं। उनका इतिहास ही एक वर्ग विशेष को खुश करने का है। इनका मेनिफेस्टो भी इसी से प्रेरित है। देश और प्रदेश की जनता इनके झांसे में नहीं आने वाली है। वह पीएम मोदी के नेतृत्व में सबका साथ और सबका विकास की नीति को पसंद करती है। वह इंडी अलायंस के तुष्टीकरण के जाल में फंसने वाली नहीं है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब अखिलेश यादव अपनी पार्टी ही नहीं संभाल पा रहे हैं तो वह प्रदेश की जनता की भलाई के लिए क्या कदम उठाएंगे। अखिलेश यादव परिवार में इस कदर डूब गये हैं कि अपने कार्यकर्ताओं का टिकट काटकर अपने परिवार को बांट रहे हैं। इतना ही नहीं वह रैली भी उनके लिए ही कर रहे हैं। अखिलेश और इंडी दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं।

--आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

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