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झारखंड सरकार में नंबर टू की हैसियत वाले कांग्रेस के मंत्री आलमगीर को ईडी ने किया गिरफ्तार

रांची, 15 मई (आईएएनएस)। झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले में उनसे ईडी ने मंगलवार को साढ़े नौ घंटे और बुधवार को छह घंटे की पूछताछ की।
झारखंड सरकार में नंबर टू की हैसियत वाले कांग्रेस के मंत्री आलमगीर को ईडी ने किया गिरफ्तार

रांची, 15 मई (आईएएनएस)। झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले में उनसे ईडी ने मंगलवार को साढ़े नौ घंटे और बुधवार को छह घंटे की पूछताछ की।

ईडी ने उनके पीएस संजीव कुमार लाल, घरेलू सहायक जहांगीर आलम और अन्य करीबियों के ठिकानों पर 6-7 मई को की गई छापेमारी में 37.37 करोड़ रुपए बरामद किए थे। पूछताछ और जांच में ईडी ने पाया है कि इस मामले में मंत्री आलमगीर आलम की सीधी संलिप्तता है। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

आलमगीर आलम झारखंड सरकार के कैबिनेट में नंबर दो हैसियत वाले मंत्री हैं। वह झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी हैं। ईडी ने उनके पीएस संजीव कुमार लाल एवं घरेलू सहायक जहांगीर लाल को 8 मई से रिमांड पर लिया है और उनसे लगातार पूछताछ जारी है।

इस दौरान खुलासा हुआ है कि ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में टेंडर मैनेज करने से लेकर भुगतान में कमीशन की वसूली होती थी और इसका निश्चित हिस्सा बड़े अफसरों और मंत्री आलमगीर आलम तक पहुंचता था। ईडी ने पाया है कि संजीव कुमार लाल मंत्री और अन्य अफसरों के लिए कमीशन वसूलता था और इसका प्रबंधन करता था।

इस मामले में ईडी के समन पर आलमगीर आलम मंगलवार को एजेंसी के दफ्तर पहुंचे थे। पहले दिन उनसे साढ़े नौ घंटे पूछताछ हुई। बुधवार को उन्हें दूसरे दिन भी बुलाया गया। वह 11.30 बजे ईडी ऑफिस पहुंचे थे, जिसके बाद ईडी ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी।

35 करोड़ रुपए की बरामदगी के मामले में उन्हें पीएस संजीव कुमार लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम के सामने बिठाकर पूछताछ की गई। इस दौरान वे कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए। अपनी संपत्ति और आय के बारे में भी वह जवाब नहीं दे पाए।

इसके अलावा ईडी ने छापेमारी के दौरान बरामद डिजिटल साक्ष्यों को दिखाकर उनसे टेंडर में कमीशन और ट्रांसफर-पोस्टिंग में रकम की वसूली पर सवाल पूछे, लेकिन वे संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे।

--आईएएनएस

एसएनसी/एसकेपी

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