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अब सैम पित्रोदा ने नस्लीय टिप्पणी के जरिए छेड़ दिया एक नया सियासी विवाद

नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)। 'विरासत कर' वाला बयान देकर एक तरफ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पार्टी के खिलाफ भाजपा को एक सियासी हथियार पहले ही दे दिया था। अब पित्रोदा ने नस्लीय टिप्पणी कर एक नए सियासी बहस को जन्म दे दिया है।
अब सैम पित्रोदा ने नस्लीय टिप्पणी के जरिए छेड़ दिया एक नया सियासी विवाद

नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)। 'विरासत कर' वाला बयान देकर एक तरफ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पार्टी के खिलाफ भाजपा को एक सियासी हथियार पहले ही दे दिया था। अब पित्रोदा ने नस्लीय टिप्पणी कर एक नए सियासी बहस को जन्म दे दिया है।

सैम पित्रोदा ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने भारतीयों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी की है। वह भारत के विविधतापूर्ण संस्कृति पर अपने विचार रख रहे थे। इसी दौरान उन्होंने यह विवादित बयान दिया।

उन्होंने अपने बयान में कहा कि उत्तर भारत के लोग तो सफेद गोरे जैसे नजर आते हैं, जबकि पूर्वी भारत के लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं।

इस बयान में आगे पित्रोदा ने कहा कि दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकी जैसे और पश्चिम भारत के लोग अरब के लोगों जैसे दिखते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारत जैसे विविधता वाले देश में फिर भी सभी एक साथ रहते हैं। अब भाजपा पित्रोदा के इसी नस्लीय बयान पर हमलावर हो गई है। भाजपा का कहना है कि ये शब्द भले सैम पित्रोदा के हों लेकिन सोच राहुल गांधी की है।

दरअसल इससे पहले सैम पित्रोदा ने अपने बयान के जरिए राजनीति का पारा हाई कर दिया था, जब उन्होंने कहा था कि अमेरिका की तरह भारत में भी विरासत कर लगना चाहिए। हालांकि कांग्रेस ने तब उनके इस बयान से पाला झाड़ लिया था। जबकि इसके बाद भी राहुल गांधी कई मंचों से देश में जाति जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण कराने की बात कह चुके हैं।

--आईएएनएस

जीकेटी/एसकेपी

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