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'क्या कोई अंग्रेज खिलाड़ी 90 रन पर मैदान छोड देता', गंभीर ने जडेजा-सुंदर के शतक पर कर दी सबकी बोलती बंद, दिया मुंह तोड़ जवाब

'क्या कोई अंग्रेज खिलाड़ी 90 रन पर मैदान छोड देता', गंभीर ने जडेजा-सुंदर के शतक पर कर दी सबकी बोलती बंद, दिया मुंह तोड़ जवाब
'क्या कोई अंग्रेज खिलाड़ी 90 रन पर मैदान छोड देता', गंभीर ने जडेजा-सुंदर के शतक पर कर दी सबकी बोलती बंद, दिया मुंह तोड़ जवाब

क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में खेला गया चौथा टेस्ट मैच भले ही ड्रॉ पर समाप्त हो गया, लेकिन आखिरी दिन का ड्रामा अब भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स द्वारा मैच के अंतिम घंटे में ड्रॉ का प्रस्ताव देने पर भारतीय बल्लेबाज रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने असहमति जताई थी। अब इस फैसले को लेकर भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल ने दोनों बल्लेबाजों का खुलकर समर्थन किया है।

क्या कहा कोच गौतम गंभीर ने?

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौतम गंभीर ने दो टूक शब्दों में कहा: "अगर इंग्लैंड का कोई बल्लेबाज 90 रन पर नाबाद होता, तो क्या वह मैदान छोड़ देता?"
गंभीर ने कहा कि रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर अपने-अपने शतक के बेहद करीब थे, और ऐसे में उनके लिए खेल जारी रखना स्वाभाविक था। उन्होंने स्टोक्स के प्रस्ताव को "अनायास और असमय" बताया।

गंभीर ने आगे कहा, "टेस्ट क्रिकेट में ऐसा मौके बार-बार नहीं आते। दोनों बल्लेबाजों ने मुश्किल परिस्थितियों में संघर्ष किया और अपने देश के लिए शतक की ओर बढ़ रहे थे। ऐसे में उनका खेल जारी रखने का फैसला बिल्कुल सही था।"

'क्या कोई अंग्रेज खिलाड़ी 90 रन पर मैदान छोड देता', गंभीर ने जडेजा-सुंदर के शतक पर कर दी सबकी बोलती बंद, दिया मुंह तोड़ जवाब

शुभमन गिल ने भी दिया समर्थन

भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने भी कोच की बात का समर्थन करते हुए कहा कि टीम ने हमेशा खेल भावना के साथ क्रिकेट खेला है, लेकिन जब खिलाड़ी शतक के करीब हों, तो उन्हें उस लक्ष्य तक पहुंचने का पूरा मौका मिलना चाहिए।

गिल ने कहा, "हम ड्रॉ के लिए सहमत हो जाते अगर स्थिति गंभीर होती, लेकिन हमारे बल्लेबाज सेट थे, क्रीज पर मजबूती से टिके थे और टीम की बढ़त भी सुरक्षित थी। ऐसे में मैच छोड़ना खिलाड़ियों के मेहनत का अपमान होता।"

क्या था मामला?

चौथे टेस्ट के अंतिम दिन भारत का स्कोर 4 विकेट पर 386 रन था और टीम 75 रनों की बढ़त ले चुकी थी। क्रीज पर रवींद्र जडेजा (89) और वाशिंगटन सुंदर (80)** जैसे सेट बल्लेबाज मौजूद थे। तभी इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने अंपायरों के ज़रिए भारत को मैच ड्रॉ करने का प्रस्ताव दिया। हालांकि भारतीय बल्लेबाजों ने खेलने की इच्छा जताई, लेकिन बाद में टीम प्रबंधन ने सामूहिक निर्णय लेते हुए ड्रॉ को स्वीकार कर लिया।

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