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आरसीबी की हार भूलाना नहीं था आसान? मुंबई को पटकने के बाद श्रेयस अय्यर ने खोला राज, बताया कैसे रखान खुद को शांत

आरसीबी की हार भूलाना नहीं था आसान? मुंबई को पटकने के बाद श्रेयस अय्यर ने खोला राज, बताया कैसे रखान खुद को शांत
आरसीबी की हार भूलाना नहीं था आसान? मुंबई को पटकने के बाद श्रेयस अय्यर ने खोला राज, बताया कैसे रखान खुद को शांत

क्रिकेट न्यूज डेस्क।। पंजाब किंग्स ने आईपीएल 2025 क्वालीफायर 2 में मुंबई इंडियंस को हराकर 11 साल में पहली बार फाइनल में जगह बनाई है। इस शानदार जीत के हीरो कप्तान श्रेयस अय्यर रहे, जिन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। उनके बल्ले से महज 41 गेंदों पर 87 रनों की तूफानी पारी निकली। मैच के बाद श्रेयस ने अपनी बल्लेबाजी, टीम की रणनीति और अनकैप्ड खिलाड़ियों के साथ संबंधों पर खुलकर बात की।

श्रेयस खुद को कैसे शांत रखते हैं

पंजाब किंग्स के सामने 204 रनों का लक्ष्य था। इसके बाद भी श्रेयस अय्यर ने रन चेज के दौरान खुद को शांत रखा। इस पर उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता कि मैं इतना शांत कैसे रह पाता हूं। लेकिन मैं हमेशा कहता हूं कि जितना बड़ा मौका हो, आपको उतना ही शांत रहना चाहिए। तभी आपको असली नतीजे मिलेंगे। आज मैंने अपनी सांसों पर ध्यान दिया, पसीना बहाने से ज्यादा मानसिक स्थिरता पर ध्यान दिया।'

आरसीबी से मिली हार को भुलाते हुए

आरसीबी की हार भूलाना नहीं था आसान? मुंबई को पटकने के बाद श्रेयस अय्यर ने खोला राज, बताया कैसे रखान खुद को शांत

आरसीबी के खिलाफ पहले क्वालीफायर में पंजाब किंग्स महज 101 रन पर ऑलआउट हो गई थी। श्रेयस अय्यर ने कहा कि टीम ने उस हार के बारे में ज्यादा नहीं सोचा। अय्यर ने कहा- हमने पूरे सीजन में अच्छा प्रदर्शन किया है। एक मैच हमारी टीम को परिभाषित नहीं कर सकता। हमने इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा। हम शुरू से ही सकारात्मक और आक्रामक क्रिकेट खेल रहे हैं। गलतियों को भूलकर आगे बढ़ना जरूरी है।'

प्लेइंग इलेवन में 5 अनकैप्ड खिलाड़ी

पंजाब किंग्स की सफलता में उनके अनकैप्ड खिलाड़ियों ने अहम भूमिका निभाई है। दोनों ओपनरों के साथ निहाल वढेरा, शशांक सिंह और विजयकुमार वैशाख क्वालीफायर-2 में पंजाब के अनकैप्ड खिलाड़ी थे। अय्यर का उनके साथ काफी सहज रिश्ता रहा। उन्होंने कहा- मैं उनसे ज्यादा सवाल नहीं करता। मुझे उनकी निडरता पसंद है। उनके खेलने का अपना तरीका है और वे परिस्थिति को समझने की कोशिश करते हैं। अनुभव सीमित है लेकिन जुनून ज्यादा है। ऐसे मौकों पर उन्हें खेलने देना और अनुभव हासिल करना जरूरी है।

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