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'ऋषभ पंत का कंप्यूटर' रवि शास्त्री के बयान के पीछे की असली कहानी

'ऋषभ पंत का कंप्यूटर' रवि शास्त्री के बयान के पीछे की असली कहानी
'ऋषभ पंत का कंप्यूटर' रवि शास्त्री के बयान के पीछे की असली कहानी

क्रिकेट न्यूज डेस्क।।  भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स टेस्ट के दौरान जब ऋषभ पंत ने पहली पारी में एक बार फिर अपने अनोखे अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की, तो क्रिकेट जगत के कई दिग्गज उनकी तारीफ करने से खुद को नहीं रोक सके। इन्हीं में से एक रहे भारत के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री, जिन्होंने पंत के खेल की सराहना करते हुए एक ऐसा बयान दिया, जिसने सभी का ध्यान खींचा।

रवि शास्त्री ने कहा, "ऋषभ पंत के पास अपना कंप्यूटर है, जिसे चलाना सिर्फ उसी को आता है।"
अब सवाल उठता है — क्या वाकई पंत के पास कोई खास कंप्यूटर है? जवाब है: नहीं। लेकिन यह बयान उनके क्रिकेटिंग माइंड और अनोखे खेल समझ को लेकर दिया गया था।

क्या है इस 'कंप्यूटर' का मतलब?

रवि शास्त्री का यह बयान प्रतीकात्मक था। दरअसल, उन्होंने पंत के निर्णय लेने की क्षमता, शॉट सिलेक्शन और परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढालने की काबिलियत को 'कंप्यूटर' से जोड़ा। लीड्स टेस्ट की पहली पारी में पंत ने जिस तरह से इंग्लैंड के गेंदबाज़ों के खिलाफ अपना आत्मविश्वास दिखाया और जोखिम उठाते हुए प्रभावी शॉट्स खेले, उसने यह साबित किया कि वह खेल को अपने तरीके से पढ़ते हैं — और वह भी इतनी तेजी से, जितनी मशीन जैसी सटीकता से होती है।

'ऋषभ पंत का कंप्यूटर' रवि शास्त्री के बयान के पीछे की असली कहानी

शास्त्री का मानना है कि पंत के दिमाग में जो चलता है, वह किसी आम क्रिकेटर की सोच से अलग होता है। वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपनी आंतरिक समझ और खुद के बनाए ‘क्रिकेटिंग एल्गोरिद्म’ पर काम करते हैं।

क्यों है पंत का खेल खास?

ऋषभ पंत का खेल पारंपरिक बल्लेबाज़ी से अलग है। जहां अधिकतर बल्लेबाज़ हालात देखकर रक्षात्मक रवैया अपनाते हैं, वहीं पंत आक्रामक लेकिन समझदारी भरी बल्लेबाज़ी करते हैं। उनका स्कूप शॉट हो, पैडल स्वीप हो या काउंटर-अटैकिंग अप्रोच — ये सब उनकी उस सोच का हिस्सा हैं जो हर खिलाड़ी के बस की बात नहीं।

रवि शास्त्री का अनुभव और पंत की तारीफ

रवि शास्त्री ने अपने कोचिंग कार्यकाल के दौरान पंत को नजदीक से देखा है। वह जानते हैं कि पंत कभी-कभी जोखिम भरे फैसले लेते हैं, लेकिन उनकी सोच और आत्मविश्वास उन्हें एक अलग दर्जे का खिलाड़ी बनाता है। ऐसे में 'कंप्यूटर' शब्द का इस्तेमाल करके शास्त्री ने यही समझाने की कोशिश की कि पंत के फैसले और उनके क्रिकेटिंग निर्णय किसी हाई-प्रोसेसिंग सिस्टम की तरह हैं — जिन्हें चलाना और समझना सिर्फ पंत के ही बस की बात है।

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