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जसप्रीत बुमराह, गेंदबाजी का नया पैमाना, जो हर दौर के गेंदबाजों पर भारी

जसप्रीत बुमराह, गेंदबाजी का नया पैमाना, जो हर दौर के गेंदबाजों पर भारी
जसप्रीत बुमराह, गेंदबाजी का नया पैमाना, जो हर दौर के गेंदबाजों पर भारी

क्रिकेट न्यूज डेस्क।।  वर्ल्ड क्रिकेट में अगर आज किसी तेज़ गेंदबाज़ की चर्चा होती है, तो उसमें सबसे ऊपर नाम आता है – जसप्रीत बुमराह का। वह अब सिर्फ एक बेहतरीन गेंदबाज नहीं हैं, बल्कि एक मानक बन चुके हैं, जिसके तराजू पर अब अन्य गेंदबाजों को तौला जाता है। जब उन्होंने 2018 में टेस्ट डेब्यू किया था, तो कई सवाल उठे थे – क्या उनकी अनोखी एक्शन टिकेगी? क्या वह टेस्ट क्रिकेट के लंबे स्पैल झेल पाएंगे? क्या सफेद गेंद के इस विशेषज्ञ को लाल गेंद की असल परीक्षा में सफलता मिलेगी? लेकिन बुमराह ने इन सभी शंकाओं का जवाब अपनी गेंदों से दिया और वो भी इतने दमदार अंदाज में कि आज उनकी तुलना सिर्फ समकालीन नहीं, बल्कि हर दौर के दिग्गजों से की जा रही है।

बुमराह की सबसे बड़ी ताकत उनकी विविधता है। वह ना सिर्फ नई गेंद से स्विंग कर सकते हैं, बल्कि पुरानी गेंद से रिवर्स स्विंग और यॉर्कर भी उतनी ही कुशलता से फेंकते हैं। उनका एक्शन भले ही पारंपरिक ना हो, लेकिन उसी में छिपा है उनका सबसे बड़ा हथियार – बल्लेबाज को भ्रम में डाल देना। बुमराह की गेंदें अक्सर बल्लेबाजों की समझ से परे निकल जाती हैं और यही कारण है कि वो दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज बन चुके हैं।

जसप्रीत बुमराह, गेंदबाजी का नया पैमाना, जो हर दौर के गेंदबाजों पर भारी

भारत की क्रिकेट परंपरा में अब तक स्पिन गेंदबाज़ों का बोलबाला रहा है। अनिल कुंबले, हरभजन सिंह, रविचंद्रन अश्विन जैसे नामों ने भारतीय गेंदबाजी को परिभाषित किया है। लेकिन जसप्रीत बुमराह के आने के बाद एक नई क्रांति शुरू हुई – भारत की तेज़ गेंदबाजी को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली। आज भारत के पास मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज और अन्य बेहतरीन पेसर हैं, लेकिन इस पूरे तेज़ गेंदबाज़ी रिवोल्यूशन की नींव जसप्रीत बुमराह ने ही रखी।

बुमराह का दबदबा सिर्फ एशिया तक सीमित नहीं है। उन्होंने SENA (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) देशों में भी अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया है – वो भी वहां की कठिन परिस्थितियों में, जहां भारतीय गेंदबाजों को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था। उनकी नियंत्रण, गति और मानसिक मजबूती उन्हें बाकी गेंदबाजों से अलग बनाती है।

आज हालात यह हैं कि जब कोई नया तेज़ गेंदबाज आता है, तो उसकी तुलना बुमराह से होती है। यह दिखाता है कि वह अब एक बेंचमार्क बन चुके हैं – एक ऐसा पैमाना, जिसके बिना तेज़ गेंदबाजी की कोई चर्चा पूरी नहीं होती। विदेशी बल्लेबाज हों या घरेलू, जसप्रीत बुमराह का नाम सुनते ही रणनीतियाँ बदली जाती हैं।

इसमें कोई दो राय नहीं कि बुमराह आज सिर्फ भारत ही नहीं, विश्व क्रिकेट के सबसे मूल्यवान गेंदबाजों में से एक हैं। वह ना केवल आज के दौर के बल्कि क्रिकेट इतिहास के महानतम गेंदबाजों में अपनी जगह बना चुके हैं। जसप्रीत बुमराह अब नाम नहीं, एक युग बन चुके हैं।

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