IND vs ENG: टीम इंडिया का लोअर ऑर्डर ही बना सबसे बडा बोझ, एक के बाद एक होते है ढेर, आंकड़े देख नहीं कर पायेंगे यकीन

क्रिकेट न्यूज डेस्क।। टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम का निचला क्रम हमेशा से एक अहम मुद्दा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय टीम ने अपने शीर्ष क्रम और मध्य क्रम में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन टीम की सबसे बड़ी कमजोरी उसके निचले क्रम की बल्लेबाजी रही है। साल 2024 से अब तक, भारतीय टीम के आखिरी के पांच बल्लेबाजों ने कई मौकों पर टीम की सफलता में बाधा डाली है, और यह समस्या टीम के लिए चिंता का विषय बन चुकी है।
भारत के शीर्ष क्रम और मध्य क्रम के बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन के बावजूद, निचला क्रम जब भी क्रीज पर आया, तो उनके बल्ले से रन निकालने में मुश्किलें आईं। भारतीय टीम के आखिरी के बल्लेबाजों की क्षमता कम होने के कारण कई बार टीम बड़ी पारियां नहीं खेल सकी और स्थिति को संभालने में भी विफल रही है। पिछले 9 मौके, जब भारतीय टीम के निचले क्रम की बल्लेबाजी ने टीम के लिए मुश्किलें पैदा की, यह स्पष्ट संकेत है कि यह भारतीय क्रिकेट की सबसे कमजोर कड़ी है।
इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए टेस्ट मैचों में देखा गया। जब भी भारतीय टीम बड़े स्कोर की ओर बढ़ रही थी, आखिरी के बल्लेबाजों ने विकेट गिराए और टीम की पारी को जल्दी समेट दिया। इंग्लैंड के खिलाफ एक हालिया टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों ने अपना विकेट खो दिया, जिससे भारत को मैच में मुश्किलें झेलनी पड़ीं। भारतीय टीम की इस कमजोरी को कई विशेषज्ञों और पूर्व क्रिकेटर्स ने अपनी टिप्पणियों में उल्लेख किया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय टीम के निचले क्रम के बल्लेबाजों का सामना स्पिन और तेज गेंदबाजों दोनों से ही उतनी मजबूती से नहीं होता, जितनी की उम्मीद की जाती है। निचले क्रम के बल्लेबाजों का तकनीकी दृष्टिकोण कमजोर है, और वे दबाव में रन बनाने में असमर्थ होते हैं। खासकर जब टीम को बड़े स्कोर की जरूरत होती है, तब भारतीय टीम के लिए यह कमजोरी चिंता का विषय बन जाती है।
"We lose together, we win together!" 💪
— Star Sports (@StarSportsIndia) June 25, 2025
Coach @GautamGambhir hails #TeamIndia's work ethic and backs his tail-enders to improve after the 1st Test in Leeds. 👍
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भारत में घरेलू क्रिकेट में भी इस समस्या को देखा जा सकता है। भारतीय घरेलू क्रिकेट में निचले क्रम के बल्लेबाजों के प्रदर्शन में स्थिरता की कमी रही है, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखती है। घरेलू क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद, निचले क्रम के बल्लेबाजों के लिए मानसिक दबाव और बड़े मुकाबलों में मैच विनिंग पारी खेलना एक बड़ी चुनौती बन जाता है।
भारतीय टीम के कप्तान और कोच इस पर विचार कर रहे हैं कि निचले क्रम के बल्लेबाजों की तकनीक और मानसिक दृढ़ता को मजबूत किया जाए, ताकि टीम की कमजोर कड़ी को सुधारा जा सके। इसके अलावा, युवा खिलाड़ियों को अधिक अवसर दिए जाने की जरूरत है, ताकि वे निचले क्रम में आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी कर सकें और टीम की सफलता में योगदान दे सकें।