IND vs ENG: फाइटर गिल ने दुनिया को दिखाया भारत का दम, 35 साल बाद मैनचेस्टर में मचाया कोहराम, बने पहले कप्तान
क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारतीय टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने रविवार को मैनचेस्टर टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार शतक जड़कर न सिर्फ टीम इंडिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, बल्कि व्यक्तिगत तौर पर भी कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए। गिल ने भारत की दूसरी पारी में 103 रनों की शानदार पारी खेली और इस दौरान उनका आत्मविश्वास, तकनीक और धैर्य साफ दिखाई दिया।
शुभमन गिल की इस शतकीय पारी की बदौलत भारत ने दूसरी पारी में बढ़त मजबूत की और मैच पर पकड़ मजबूत की। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर यह पारी इसलिए भी खास रही क्योंकि वर्ष 1990 के बाद यह पहली बार है जब किसी भारतीय बल्लेबाज ने इस मैदान पर शतक जमाया है। गिल से पहले 1990 में महान बल्लेबाज मोहम्मद अजहरुद्दीन ने यहां सैकड़ा ठोका था।
एक सीरीज में चार शतक लगाने वाले तीसरे कप्तान बने
गिल की यह पारी उनके टेस्ट करियर का चौथा शतक था और खास बात यह रही कि उन्होंने यह चारों शतक एक ही टेस्ट सीरीज में लगाए। इसी के साथ शुभमन गिल भारत के लिए एक सीरीज में चार शतक लगाने वाले तीसरे कप्तान बन गए हैं। उनसे पहले सुनील गावस्कर और विराट कोहली ने यह उपलब्धि हासिल की थी।

गिल ने न केवल कप्तानी की जिम्मेदारी बखूबी निभाई बल्कि बल्ले से भी शानदार नेतृत्व करते हुए लगातार रन बनाए हैं। इस सीरीज में उनकी बल्लेबाजी में निरंतरता और संयम साफ दिखाई दिया। उन्होंने हर पारी में परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाला और विपक्षी गेंदबाजों को थकाकर रखा।
चौथे भारतीय बल्लेबाज बनने का गौरव
शुभमन गिल एक सीरीज में चार शतक लगाने वाले केवल तीसरे भारतीय कप्तान ही नहीं, बल्कि कुल मिलाकर चौथे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं, जिन्होंने किसी एक सीरीज में यह कारनामा किया है। उनसे पहले यह उपलब्धि सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़ और विराट कोहली के नाम दर्ज है। यह दर्शाता है कि गिल अब भारतीय टेस्ट बल्लेबाजी के स्तंभ बनते जा रहे हैं।
मैनचेस्टर में रचा गया नया अध्याय
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर शुभमन गिल का यह शतक ऐतिहासिक बन गया है। यह मैदान भारत के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है, और 1990 के बाद से अब तक कोई भी भारतीय बल्लेबाज यहां शतक नहीं जड़ सका था। गिल ने उस लंबे सूखे को खत्म किया और इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया।

