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क्रिकेट में फिर फिक्सिंग की साजिश? भारत के चार खिलाड़ी सस्पेंड, FIR के बाद जांच एजेंसियां एक्टिव

क्रिकेट में फिर फिक्सिंग की साजिश? भारत के चार खिलाड़ी सस्पेंड, FIR के बाद जांच एजेंसियां एक्टिव​​​​​​​

चल रहे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) सीज़न के बीच, एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने भारतीय घरेलू क्रिकेट में हलचल मचा दी है। असम के चार खिलाड़ियों पर भ्रष्टाचार की गतिविधियों में गंभीर रूप से शामिल होने का आरोप लगा है। असम क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है और चारों खिलाड़ियों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।

सस्पेंड किए गए खिलाड़ी अमित सिन्हा, ईशान अहमद, अमन त्रिपाठी और अभिषेक ठकुरी हैं। इन खिलाड़ियों पर आरोप है कि उन्होंने 26 नवंबर से 8 दिसंबर तक लखनऊ में हुई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025-26 में हिस्सा लेने वाले असम टीम के अन्य खिलाड़ियों को भ्रष्टाचार में शामिल होने के लिए प्रभावित करने और उकसाने की कोशिश की।

ACA के सचिव सनातन दास ने 12 दिसंबर (शुक्रवार) को एक आधिकारिक बयान जारी किया। सनातन ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए गुवाहाटी में क्राइम ब्रांच में FIR दर्ज कराई गई है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की एंटी-करप्शन एंड सिक्योरिटी यूनिट (ACSU) ने भी पूरे मामले की शुरुआती जांच की है। ACA के अनुसार, जांच में पहली नज़र में ऐसे सबूत मिले हैं जो इन चारों खिलाड़ियों की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं और सीधे तौर पर खेल की निष्पक्षता और ईमानदारी को खतरे में डालते हैं।

अभिषेक और अमन रणजी ट्रॉफी में भी खेल चुके हैं
सस्पेंड किए गए खिलाड़ियों में अभिषेक ठकुरी सबसे जाना-पहचाना नाम है। उन्होंने इस सीज़न में असम के लिए 12 फर्स्ट-क्लास, 11 लिस्ट A और 10 T20 मैच खेले हैं। इस सीज़न में अभिषेक ने 2 रणजी ट्रॉफी मैच भी खेले और टीम मैनेजमेंट की योजनाओं का हिस्सा थे। अमित सिन्हा एक बहुत अनुभवी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने असम के लिए 32 फर्स्ट-क्लास, 46 लिस्ट A और 31 T20 मैच खेले हैं। ईशान अहमद और अमन त्रिपाठी ने भी घरेलू क्रिकेट में विभिन्न आयु वर्ग स्तरों पर असम का प्रतिनिधित्व किया है। उनके खिलाफ लगे आरोपों ने असम और पूरे भारतीय क्रिकेट में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ACA ने साफ तौर पर कहा है कि चारों खिलाड़ियों का सस्पेंशन जांच पूरी होने तक या अगले आदेश तक जारी रहेगा। इस दौरान, इन चारों खिलाड़ियों को ACA, उसकी जिला इकाइयों या संबद्ध क्लबों द्वारा आयोजित किसी भी राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, उन्हें कोचिंग या अंपायरिंग जैसे किसी भी क्रिकेट से संबंधित भूमिका से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। सनातन दास ने बताया कि सभी ज़िला क्रिकेट एसोसिएशन को इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। नियमों का उल्लंघन रोकने के लिए ACA के तहत आने वाले सभी क्लबों और क्रिकेट अकादमियों को भी इस फैसले की जानकारी दे दी गई है। सनातन ने यह भी दोहराया कि क्रिकेट एसोसिएशन इस मामले में पुलिस और BCCI की एंटी-करप्शन यूनिट के साथ पूरा सहयोग कर रहा है।

इस घटना ने क्रिकेट की दुनिया में मैच-फिक्सिंग के खतरे को उजागर किया है। ACA ने कहा है कि वह खेल की पवित्रता और ईमानदारी से कोई समझौता नहीं करेगा, और अगर आरोप सच साबित होते हैं, तो शामिल खिलाड़ियों के खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई की जा सकती है। अब सभी की नज़रें जांच पर हैं, जो इन खिलाड़ियों के क्रिकेट करियर का भविष्य तय करेगी।

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