हेडिंग्ले टेस्ट रोमांच के चरम पर, भारत ने बनाई 96 रन की बढ़त, लेकिन छूटे मौकों का मलाल बरकरार

क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारत और इंग्लैंड के बीच हेडिंग्ले में जारी एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का पहला टेस्ट अब बेहद रोमांचक स्थिति में पहुंच चुका है। मुकाबले का चौथा दिन टीम इंडिया के लिए उम्मीद और थोड़े मलाल का मिला-जुला रूप लेकर आया। भारत ने अपनी दूसरी पारी में 2 विकेट के नुकसान पर 90 रन बना लिए हैं और अब कुल बढ़त 96 रनों की हो चुकी है। ऐसे में यह मैच आखिरी दिन किसी भी ओर झुक सकता है।
इससे पहले, इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 461 रन बनाए थे, जवाब में भारत ने पहली पारी में 471 रन बनाए थे, जिससे भारत को 6 रनों की मामूली बढ़त मिली। इंग्लैंड की पारी के दौरान भारत के हाथ से कई मौके फिसले, खासकर कैच छोड़ने के कारण इंग्लिश बल्लेबाजों को जीवनदान मिला, जिनका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया।
इंग्लैंड के लिए ओली पोप ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा, जबकि हैरी ब्रूक मात्र एक रन से शतक से चूक गए और 99 रन बनाकर आउट हो गए। दोनों खिलाड़ियों ने भारत की गेंदबाजी पर लगातार दबाव बनाए रखा। हालांकि कप्तान बेन स्टोक्स एक बार फिर नाकाम रहे। उनका बल्ला पिछले कुछ समय से खामोश है, और इस मैच में भी उनसे बड़ी पारी की उम्मीद पूरी नहीं हो सकी।
टीम इंडिया के गेंदबाजों ने हालांकि परिस्थितियों के अनुरूप गेंदबाजी की, लेकिन फील्डिंग में कमी ने उनका मनोबल तोड़ा। यशस्वी जायसवाल, श्रेयस अय्यर और रविंद्र जडेजा की ओर से कुछ अहम कैच टपकाए गए, जिससे इंग्लैंड की पारी को लंबा खिंचने का मौका मिला।
दूसरी पारी में भारत की शुरुआत सधी हुई रही। कप्तान शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल ने पहले विकेट के लिए अहम साझेदारी की, हालांकि जायसवाल जल्दी आउट हो गए। इसके बाद चेतेश्वर पुजारा और गिल ने पारी को संभालने का प्रयास किया और स्कोर को आगे बढ़ाया।
अब मुकाबला निर्णायक मोड़ पर है। पिच पर अब धीरे-धीरे गेंदबाजों को मदद मिलनी शुरू हो चुकी है, और अंतिम दो दिन दोनों टीमों के लिए परीक्षा साबित होंगे। भारत की कोशिश होगी कि वह 250-300 रनों की लीड बनाकर इंग्लैंड को अंतिम दिन चौथी पारी में दबाव में डाले, वहीं इंग्लैंड की निगाहें जल्दी विकेट निकालकर खुद को मैच में बनाए रखने पर होंगी।
फिलहाल मुकाबला पूरी तरह से बराबरी का नजर आ रहा है, लेकिन अगर भारत ने फील्डिंग में चूक नहीं की होती, तो यह स्थिति और भी फायदेमंद हो सकती थी। अब देखना यह होगा कि टीम इंडिया बचे हुए दिनों में कितना बेहतर खेल दिखाती है और क्या वह इस टेस्ट को अपने नाम कर पाती है या नहीं।