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गोविंद देवजी मंदिर जाने वालों के लिए विशेष गाइड, वीडियो में जाने दर्शन के समय से लेकर पूजा विधि तक सबकुछ 

गोविंद देवजी मंदिर जाने वालों के लिए विशेष गाइड, वीडियो में जाने दर्शन के समय से लेकर पूजा विधि तक सबकुछ 

जयपुर का ह्रदय कहे जाने वाला गोविंद देवजी मंदिर ना केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत में श्रद्धा का एक प्रमुख केंद्र है। सिटी पैलेस परिसर के भीतर स्थित यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के सात स्वरूपों में से एक का प्रतीक माना जाता है। यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल पर पहली बार आने का विचार बना रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातें पहले से जान लेना आपके अनुभव को और भी सुखद बना सकता है।


मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
गोविंद देवजी मंदिर का इतिहास जयपुर रियासत के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय से जुड़ा है। यह मंदिर वृंदावन से लाए गए श्रीकृष्ण की मूर्ति को समर्पित है, जिसे स्वयं भक्त श्री रूप गोस्वामी ने स्थापित किया था। ऐसा माना जाता है कि यह मूर्ति स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविंद के वास्तविक स्वरूप के सबसे निकट है।जयपुर की सिटी पैलेस के बगल में स्थित यह मंदिर राजपरिवार की आस्था का केंद्र रहा है और यहां के पूजा-अनुष्ठान भी उसी परंपरा के अनुसार होते हैं।

दर्शन के समय और आरती की जानकारी
गोविंद देवजी मंदिर में प्रतिदिन सात झांकियों (दर्शन) की व्यवस्था होती है। हर झांकी का समय निश्चित होता है और भगवान को अलग-अलग रूपों में सजाया जाता है। सुबह मंगला आरती से लेकर रात की शयन आरती तक भक्तों का तांता लगा रहता है। यदि आप किसी विशेष झांकी के दर्शन करना चाहते हैं, तो उसका समय पहले से जान लें।

प्रमुख झांकी समय (समय मौसम के अनुसार थोड़ा बदल सकता है):
मंगला झांकी: प्रातः 5:00 बजे
श्रृंगार झांकी: प्रातः 7:30 बजे
ग्वाल झांकी: प्रातः 9:30 बजे
राजभोग झांकी: दोपहर 11:00 बजे
उत्थापन झांकी: शाम 5:30 बजे
संध्या झांकी: शाम 6:30 बजे
शयन झांकी: रात 8:30 बजे
ध्यान दें कि झांकी के समय मंदिर के पट केवल कुछ मिनटों के लिए खुलते हैं, इसलिए समय का विशेष ध्यान रखें।

क्या पहनें और क्या न करें?
मंदिर में प्रवेश करते समय पारंपरिक और सादे वस्त्र पहनना उचित माना जाता है। महिलाओं के लिए साड़ी, सलवार सूट और पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा या सादा शालीन वस्त्र उपयुक्त हैं। मंदिर में जूते-चप्पल उतारने की व्यवस्था बाहर ही है, जिसे सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाता है।मंदिर परिसर में मोबाइल फोन का उपयोग, जोर से बात करना, फोटोग्राफी और वीडियो बनाना वर्जित है। भक्तों से अपेक्षा की जाती है कि वे श्रद्धा और मर्यादा का पालन करें।

कैसे पहुंचें गोविंद देवजी मंदिर?
मंदिर जयपुर के सिटी पैलेस के भीतर स्थित है, जो शहर के केंद्र में है। जयपुर रेलवे स्टेशन और सिंधी कैंप बस स्टैंड से यह स्थान लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर है। लोकल टैक्सी, ऑटो रिक्शा या कैब से आसानी से पहुंचा जा सकता है। पार्किंग सुविधा पास ही उपलब्ध है, लेकिन भीड़भाड़ वाले दिनों में थोड़ी परेशानी हो सकती है।

त्योहारों पर विशेष भीड़
जन्माष्टमी, राधाष्टमी, अन्नकूट और होली के अवसर पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इन दिनों मंदिर प्रबंधन विशेष व्यवस्थाएं करता है, लेकिन भीड़ से बचने के लिए समय का चुनाव सावधानीपूर्वक करें। सुरक्षा की दृष्टि से भीड़भाड़ वाले दिनों में बच्चों और बुजुर्गों के साथ विशेष सतर्कता बरतें।

क्या लाएं साथ?
अगर आप पूजा के लिए प्रसाद, फूल या पान लाना चाहते हैं, तो मंदिर के पास कई दुकानों पर शुद्ध सामग्री उपलब्ध है। मंदिर प्रांगण में प्रसाद वितरण भी किया जाता है, जिसे आप श्रद्धा से ग्रहण कर सकते हैं।

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