बुधवार को भगवान गणेश की पूजा से बदल सकती है किस्मत, 2 मिनट के इस दुर्लभ वीडियो में जानें व्रत की विधि और उससे मिलने वाले अद्भुत लाभ

भारतीय सनातन परंपरा में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है। किसी भी शुभ कार्य, यात्रा या नई शुरुआत से पहले ‘श्री गणेशाय नमः’ कहकर उनकी पूजा की जाती है। खासकर बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित माना गया है। इस दिन विधिवत व्रत और पूजन करने से बुद्धि, विवेक, व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य में चमत्कारी लाभ मिलते हैं। साथ ही घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। यह लेख आपको भगवान गणेश की पूजा विधि, बुधवार व्रत के नियम और इससे मिलने वाले लाभों की पूरी जानकारी देगा।
भगवान गणेश: विघ्नहर्ता और बुद्धि के दाता
भगवान गणेश को ‘विघ्नहर्ता’ कहा जाता है यानी जो जीवन की सभी बाधाओं को दूर करते हैं। वे ‘बुद्धि’, ‘विवेक’ और ‘प्रगति’ के देवता माने जाते हैं। उनके चार हाथों में से एक में अंकुश (नियंत्रण), दूसरे में पाश (बंधन तोड़ने की शक्ति), तीसरे में मोदक (प्रसन्नता और पूर्ति का प्रतीक) और चौथा आशीर्वाद मुद्रा में होता है। उनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति, स्थिरता और कार्यों में सफलता मिलती है।
बुधवार: क्यों खास है भगवान गणेश के लिए?
हिंदू पंचांग के अनुसार, सप्ताह का चौथा दिन यानी बुधवार ‘बुध ग्रह’ से जुड़ा होता है। बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, तर्क और व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से बुध ग्रह के दोष शांत होते हैं और इन क्षेत्रों में लाभ मिलता है। विशेष रूप से विद्यार्थी, व्यापारी, लेखक, वक्ता, और आईटी या कागज़ी कार्यों में जुड़े लोगों को इस दिन गणेश पूजन करना चाहिए।
बुधवार व्रत की विधि
बुधवार व्रत सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने और स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद शुरू होता है। व्रती को दिन भर सात्विक भोजन करना चाहिए और एक समय फलाहार या उपवास करना होता है। शाम को गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाकर उन्हें दूर्वा (हरी घास), मोदक, लड्डू और तुलसी अर्पित करें।
पूजन में निम्न मंत्रों का जाप करें:
“ॐ गण गणपतये नमः”
“वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥”
इसके बाद गणेश चालीसा का पाठ करें और आरती करें। पूजा के अंत में कथा पढ़ना और भगवान से व्रत सफल होने की प्रार्थना करना आवश्यक होता है।
बुधवार व्रत की पौराणिक कथा
एक कथा के अनुसार, एक व्यापारी ने भगवान गणेश का व्रत किया और उससे उसकी खोई हुई सम्पत्ति लौट आई और व्यापार दुगुना हो गया। लेकिन उसने बुधवार को यात्रा की और रास्ते में उसे भारी क्षति उठानी पड़ी। तभी भगवान गणेश सपने में प्रकट हुए और कहा कि बुधवार को यात्रा निषिद्ध है। तभी से यह मान्यता बनी कि बुधवार को व्रत करने के बाद यात्रा नहीं करनी चाहिए।
बुधवार व्रत और पूजा के लाभ
बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि: विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों को इस व्रत से विशेष लाभ होता है।
वाणी और संचार कौशल में सुधार: वक्ता, लेखक, शिक्षक और वकीलों को वाणी में प्रभाव प्राप्त होता है।
व्यापार में वृद्धि: व्यापारी वर्ग के लिए बुधवार को गणपति पूजन करने से लाभ होता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा: गणपति पूजन से शनि, राहु, केतु और बुध के दोष शांत होते हैं।
वैवाहिक जीवन में मधुरता: पति-पत्नी के रिश्तों में प्रेम और तालमेल बढ़ता है।
खास उपाय जो बुधवार को करें
शमीपत्र अर्पण करें: बुध ग्रह को शांत करने के लिए शमी का पत्ता गणेश जी को अर्पित करें।
दूर्वा चढ़ाएं: गणेश जी को 21 दूर्वा चढ़ाने से लंबी उम्र और बुद्धि का वरदान मिलता है।
सुपारी अर्पित करें: गणपति को सुपारी अर्पित कर व्यापारिक कार्यों में सफलता की प्रार्थना करें।
हरे वस्त्र पहनें: बुधवार को हरे रंग के कपड़े पहनना सौभाग्यवर्धक माना जाता है।
मूंग का दान करें: हरे मूंग का दान करने से बुध दोष कम होता है और मानसिक शांति मिलती है।
बुधवार का दिन गणेश जी की कृपा प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ अवसर है। व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से बुद्धि, विवेक, व्यापार और पारिवारिक जीवन में सफलता प्राप्त होती है। जो व्यक्ति बुधवार व्रत को श्रद्धा और नियमपूर्वक करता है, उसका जीवन सुख, समृद्धि और शांति से भर जाता है। अगर आप भी जीवन में मानसिक स्थिरता, धन-संपत्ति और सफलता चाहते हैं, तो हर बुधवार भगवान गणेश का व्रत और पूजन अवश्य करें।