Samachar Nama
×

गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों में श्री भगवती स्तोत्रम् का पाठ क्यों माना जाता है अत्यंत फलदायी? जीवन में आएगी सुख-शांति व समृद्धि

गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों में श्री भगवती स्तोत्रम् का पाठ क्यों माना जाता है अत्यंत फलदायी? जीवन में आएगी सुख-शांति व समृद्धि

गुप्त नवरात्रि का पर्व साधना और शक्ति उपासना का अत्यंत गोपनीय लेकिन फलदायी रूप है। आमतौर पर साल में दो बार गुप्त नवरात्रि आती है—एक माघ मास में और दूसरी आषाढ़ मास में। इस दौरान मां दुर्गा की साधना तांत्रिक दृष्टिकोण से की जाती है, लेकिन आम जन भी इस अवसर पर भगवती की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। विशेषतः इस काल में श्री भगवती स्तोत्रम् का पाठ अचूक माना जाता है। यह स्तोत्र देवी के विविध रूपों की स्तुति है, जो साधक को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करता है।


क्या है श्री भगवती स्तोत्रम्?
श्री भगवती स्तोत्रम् एक प्राचीन स्तुति ग्रंथ है जिसमें देवी दुर्गा के 108 नामों और स्वरूपों का गुणगान किया गया है। यह स्तोत्र दुर्गा सप्तशती, देवी भागवत और स्कंद पुराण जैसे कई शास्त्रों में उल्लेखित है। भगवती स्तोत्र का पाठ करने से साधक के भीतर ऊर्जा का संचार होता है और वह नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रहता है। यह स्तोत्र न केवल भय और रोगों को दूर करता है, बल्कि जीवन में सफलता, धन, समृद्धि और आत्मविश्वास भी प्रदान करता है।

गुप्त नवरात्रि में इसका महत्व
गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी शक्ति की उपासना साधना के गहन रूप में की जाती है। यह समय विशेष रूप से तांत्रिक क्रियाओं के लिए उपयुक्त माना जाता है, लेकिन भगवती स्तोत्रम् जैसे दिव्य पाठ सामान्य भक्तों के लिए भी अत्यंत लाभकारी हैं। इस स्तोत्र के नियमित जप से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। माना जाता है कि जो साधक इस स्तोत्र का पाठ गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों तक करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण होती हैं।

पाठ की विधि
गुप्त नवरात्रि में श्री भगवती स्तोत्रम् का पाठ करने के लिए सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के पूजा स्थल में या किसी शांत और पवित्र स्थान पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। एक दीपक जलाएं और मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के सामने आसन ग्रहण करें। इसके बाद निम्न विधि से पाठ करें:
सबसे पहले “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का 11 बार जप करें।
फिर श्री भगवती स्तोत्रम् का पाठ श्रद्धा और भक्ति भाव से करें।
पाठ के अंत में देवी से अपनी मनोकामना कहें और आशीर्वाद प्राप्त करें।
यदि पाठ की पूर्ण विधि नहीं आती है, तो इसे यूट्यूब या किसी मान्यता प्राप्त स्तोत्र पुस्तक की सहायता से उच्चारण के साथ पढ़ा जा सकता है।

मिलते हैं ये चमत्कारी लाभ
संकटों से रक्षा: गुप्त नवरात्रि में इस स्तोत्र के पाठ से शत्रुओं, मानसिक तनाव और नकारात्मक शक्तियों से बचाव होता है।
मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण: विशेषकर आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं के निवारण हेतु यह स्तोत्र अत्यंत प्रभावी माना गया है।
आध्यात्मिक उन्नति: साधक के भीतर ध्यान, भक्ति और आत्मबल की वृद्धि होती है।
स्वास्थ्य लाभ: मानसिक शांति के साथ-साथ यह स्तोत्र शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी सशक्त करता है।

Share this story

Tags