ॐ त्र्यंबकं यजामहे मंत्र क्यों कहलाता है मृत्यु को हराने वाला? वीडियो में जानिए इसके जाप के पीछे छिपे आध्यात्मिक रहस्य

हिंदू धर्म में महामृत्युंजय मंत्र का जाप विशेष लाभकारी बताया गया है। अगर आप नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं तो आपको कई समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। हिंदू धर्म में महामृत्युंजय मंत्र व्यक्ति को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाता है और साथ ही व्यक्ति के जीवन में कई बीमारियों को दूर रखता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से बड़ी से बड़ी बीमारी भी ठीक हो जाती है। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव के लिए है, जो भी व्यक्ति नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है उस पर भगवान भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है। आइये जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र के जाप से और क्या-क्या लाभ होते हैं।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ ॐ भूर्भुवः स्वहा ॐ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बंधनाणाम्र त्योर्मुक्ष्य मामृतात् ॐ ॐ स्वः भुवः भुवः ॐ ॐ सः जूं हौं ॐ
महामृत्युंजय मंत्र का महत्व जानने के लिए हमने बात की ज्योतिषाचार्य श्रीधर शास्त्री से। उन्होंने बताया कि महामृत्युंजय मंत्र मृत्यु पर विजय पाने का मंत्र है, जो भगवान शिव के लिए जपा जाता है। भगवान शिव की तीन आंखें हैं, जो सुगंधित हैं। शिव ही सबका ध्यान रखते हैं। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है। ज्योतिषाचार्य श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि महामृत्युंजय मंत्र कालसर्प दोष, मांगलिक दोष, विवाह दोष, वर-वधू के नाड़ी दोष को दूर करता है, भूत-प्रेत और मृत्यु के भय को दूर करता है। इस मंत्र के जप के अनेक लाभ हैं।
महामृत्युंजय मंत्र जप के नियम
महामृत्युंजय मंत्र के जाप के कई नियम हैं, जिनमें प्रमुख नियम यह है कि इस मंत्र का जाप मंदिर में ही करना चाहिए, क्योंकि घर में मंत्र जाप करते समय कई बाधाएं आ सकती हैं। जब आपका शरीर स्वस्थ हो, मन प्रसन्न हो, मन में क्रोध न हो तो सुबह मंदिर में जाकर पूर्व दिशा में शिवलिंग के सामने स्वच्छ आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करने से बहुत लाभ मिलता है। वही श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि इस मंत्र का जाप करने से पहले भोलेनाथ का जलाभिषेक करना चाहिए और विधि अनुसार पूजा करने के बाद ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने का लाभ मिलता है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है, जिसमें मंत्र जाप से पहले भगवान शिव का स्मरण करना, स्वच्छ व शुद्ध आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करना, रुद्राक्ष की माला धारण करने के बाद ही मंत्र का जाप करना शामिल है। इस मंत्र का प्रतिदिन जाप बढ़ाने से भगवान शिव की असीम कृपा बनी रहती है तथा जीवन अकाल मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है।