करणी माता मंदिर में सफ़ेद चूहों का दिखना क्यों माना जाता है देवी का आशीर्वाद ? वायरल फुटेज में जानिए इस मान्यता की चमत्कारी सच्चाई

ये है करणी माता मंदिर की कहानी ये मंदिर राजस्थान के बीकानेर में है। यहां भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी लोग आते हैं। इस मंदिर की खासियत ये है कि यहां 25 हजार चूहे मौजूद हैं। लोग करणी माता के साथ-साथ चूहों की भी पूजा करते हैं। अगर इस मंदिर में सफेद चूहा दिख जाए तो बड़ी बात होती है। जानिए इसके पीछे क्या वजह हो सकती है।
क्यों खास हैं करणी माता मंदिर के सफेद चूहे?
करणी माता मंदिर बीकानेर के देशनोक में बना है। इस मंदिर में 25 हजार चूहे हैं, लेकिन सफेद चूहे को देखना शुभ माना जाता है। मंदिर के व्यवस्थापक ग्रीजेंद्र सिंह कहते हैं कि जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, वो मरने के बाद सफेद चूहे के रूप में मंदिर में आते हैं. सफेद चूहों को करणी माता के 4 बेटों के तौर पर भी देखा जाता है।इसी वजह से इस मंदिर में सफेद चूहे को देखना बहुत शुभ माना जाता है। सफेद काबा दिखने का मतलब है कि आपको जल्द ही कोई खुशखबरी मिलने वाली है।
मंदिर में हर चूहे का होता है एक स्थान
आपने कई मंदिरों में जानवरों या गायों को देखा होगा। लेकिन कुछ समय बाद वे परिसर से बाहर निकल जाते हैं, लेकिन करणी माता मंदिर अलग है। यहां के चूहे कभी बाहर नहीं जाते। हर चूहे का एक निश्चित स्थान है। मंदिर में हर चूहे का एक निश्चित स्थान है और वे वहां से अंदर या बाहर नहीं जाते। इस मंदिर के मुख्य द्वार से 25 हजार चूहे कभी बाहर नहीं गए। इसके अलावा आम चूहों से अलग है काबा इस मंदिर में मौजूद 25 हजार चूहों को काबा कहते हैं। एक चूहा भी चाहे तो आपके घर में उत्पात मचा सकता है। घर में बदबू भी आने लगती है, लेकिन करणी माता मंदिर में मौजूद चूहे ऐसा कुछ नहीं करते।
मंदिर 600 साल पुराना है। इसके बावजूद आज तक चूहों की वजह से कोई बीमारी नहीं फैली है। न ही चूहों का बचा हुआ प्रसाद खाने से लोगों को कोई तकलीफ होती है। 151 साल तक जीवित रहीं माता करणी माता का जन्म 1387 ई में रिघुबाई के राजघराने में हुआ था। मंदिर में बात करने पर पता चलता है कि करणी मां ने अपने जीवन में 100 साल तक तपस्या की थी। वे 151 साल तक जीवित रहीं। विवाह के बाद उन्होंने मोह-माया त्याग दी थी और गुफा में ध्यान करती थीं। आज भी करणी माता के मंदिर में यह गुफा मौजूद है।
चमत्कार देखने के लिए विदेशों से भी आते हैं लोग
विदेशी लोग भी इस मंदिर को देखने और तस्वीरें खिंचवाने आते हैं। हर दिन अलग-अलग देशों से लोग यहां पहुंचते हैं। करणी मां हर भक्त की मनोकामना पूरी करती हैं। साथ ही पूरे परिसर की संरचना में बारीक काम देखा जा सकता है। इस मंदिर का मुख्य द्वार चांदी से बना है।
करणी माता मंदिर जाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें
1. मंदिर तक पहुंचने के लिए आप ट्रेन, बस, टैक्सी या कार की मदद ले सकते हैं। मंदिर बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर है।
2. आप मंदिर में फोन नहीं ले जा सकते। आप चाहें तो फोन को कार या होटल में रख सकते हैं। या फिर टिकट खरीद सकते हैं, ताकि आप फोन को अंदर ले जा सकें।
3. मई जैसे महीनों में करणी माता मंदिर में जाने से बचें क्योंकि बीकानेर का तापमान बहुत ज़्यादा होता है।
4. अगर आप मंदिर में जाने से पहले या बाद में बीकानेर में ठहर रहे हैं, तो ऑनलाइन होटल बुक करें।
5. यह मंदिर सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।