गोविंद देव जी मंदिर में क्यों माना जाता है श्रीकृष्ण का विशेष वास? वीडियो में जानिए इस ऐतिहासिक मंदिर से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं
जयपुर अपनी कई ऐतिहासिक इमारतों, किलों और महलों के लिए जाना जाता है। हालांकि, यहां के मंदिर भी बहुत प्राचीन और प्रसिद्ध हैं। आपको बता दें कि ऐसा ही एक प्रसिद्ध मंदिर जयपुर के आमेर में कनक घाटी में स्थित श्री राधा माधव जी का विशाल मंदिर है, जिसका निर्माण 17वीं शताब्दी से पहले हुआ था। इस मंदिर में जयपुर के आराध्य माने जाने वाले गोविंद देव जी को स्थापित किया गया था, जिसके बाद सिटी पैलेस में उनके लिए एक भव्य मंदिर बनाया गया। दरअसल, आमेर की पहाड़ियों में बनी खूबसूरत कनक घाटी को कनक वृंदावन के नाम से भी जाना जाता है। यहां एक खूबसूरत बगीचा और नटवर लाल का मंदिर भी बना हुआ है।
यह मंदिर 17वीं शताब्दी में बना था
इस मंदिर के पुजारी और स्थानीय लोगों के साथ-साथ ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार जयपुर शहर के संस्थापक सवाई जय सिंह ने कनक घाटी का नाम कनक वृंदावन रखा था। वहीं, विक्रम संवत 1714 में भगवान देव जी की मूर्ति वृंदावन से लाकर यहां इस मंदिर में स्थापित की गई थी। इसके साथ ही भगवान गोविंद देव को वृंदावन का मुखिया ठाकुर कहा जाता है, इस वजह से मंदिर का नाम राधा माधव मंदिर है। इस मंदिर को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
सुंदर वास्तुकला से बना है यह मंदिर
सबसे पहले इस मंदिर को एक छोटे से महल के रूप में बनाया गया था, जिसका निर्माण 1707 ई. में हुआ था। इस मंदिर में श्री राधा माधव जी का एक कमरा और एक सुंदर बरामदा है, मंदिर के चारों ओर बड़े आकार की छतरियां बनी हुई हैं जो बेहद खूबसूरत हैं। जयपुर घूमने आने वाले पर्यटक सबसे ज्यादा इसी मंदिर में आते हैं। आपको बता दें कि, मंदिर सिर्फ सुबह और शाम को ही खुलता है और दिन में मंदिर बंद रहता है। पास में ही एक खूबसूरत बगीचा है, जो प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा देता है। सबसे ज्यादा लोग बारिश के मौसम में आते हैं।

