सावन के पवित्र महीने में 108 बार महामृत्युंजय जाप क्यों माना गया है सबसे शक्तिशाली साधना? वीडियो में जानें इसके पीछे छिपा गूढ़ रहस्य
सावन का महीना भगवान शिव की आराधना को समर्पित है और इस दौरान भक्त महादेव की कृपा पाने के लिए पूजा के साथ-साथ व्रत भी रखते हैं। वहीं, श्रावण मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना सर्वोत्तम है। कहा जाता है कि अगर आप सावन में प्रतिदिन 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं, तो आपको सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। आइए आपको बताते हैं कि सावन में 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से क्या होता है?
महामृत्युंजय मंत्र में छिपा है हर समस्या का समाधान
शिव पुराण के अनुसार, महामृत्युंजय मंत्र में हर समस्या का समाधान छिपा है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसे "मृत्युंजय" या "त्र्यंबक" मंत्र भी कहा जाता है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भय, रोग, शोक और अकाल मृत्यु जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करने से क्या होता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में प्रतिदिन 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है, रोगों से मुक्ति मिलती है, जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। ऐसा माना जाता है कि यह मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करता है और इसके नियमित जाप से नकारात्मकता दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
सावन में महामृत्युंजय जाप के लाभ
यदि आप सावन में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं, तो इसके कई लाभ होते हैं, जिनमें अकाल मृत्यु से सुरक्षा, दीर्घायु, स्वास्थ्य और मानसिक शक्ति में वृद्धि शामिल है। ऐसा माना जाता है कि यह मंत्र भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करता है और नकारात्मक शक्तियों से भी रक्षा करता है।
भय से मुक्ति: इस मंत्र का जाप करने से भय, विशेषकर अकाल मृत्यु का भय कम होता है।
रोगों से मुक्ति: ऐसा माना जाता है कि यह मंत्र गंभीर रोगों और कष्टों से भी मुक्ति दिलाता है।
अकाल मृत्यु से बचाव: अकाल मृत्यु की संभावना को टालने में भी महामृत्युंजय मंत्र अत्यंत लाभकारी है।
सफलता और समृद्धि:- यह मंत्र जीवन में सफलता, समृद्धि और सुख भी लाता है।
मानसिक शांति:- इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
ग्रह दोषों का निवारण:- सावन में महामृत्युंजय का जाप नवग्रहों के दोषों को दूर करने में भी सहायक होता है।
महामृत्युंजय मंत्र जाप के नियम
महामृत्युंजय मंत्र जाप के कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं, जिनका पालन करने से जाप का पूर्ण फल प्राप्त होता है। महामृत्युंजय मंत्र जाप करने के लिए सबसे पहले किसी पवित्र स्थान का चयन करें और वहीं बैठकर जाप करें। फिर पूर्व दिशा की ओर मुख करके जाप करें। इसके अलावा जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें।

