Samachar Nama
×

सावन में शिव पूजन के साथ क्यों जरूरी मानी जाती है शनिदेव की अराधना? दुर्लभ वीडियो में जानें पौराणिक कारण और ज्योतिषीय रहस्य

सावन में शिव पूजन के साथ क्यों जरूरी मानी जाती है शनिदेव की अराधना? दुर्लभ वीडियो में जानें पौराणिक कारण और ज्योतिषीय रहस्य

सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस महीने में शिव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, लेकिन ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बताया कि अगर सावन में भगवान शिव के साथ शनिदेव की भी पूजा की जाए तो इससे कई लाभ मिलते हैं। शास्त्रों में भी सावन में शिवलिंग पूजा के साथ शनिदेव की पूजा करना अनिवार्य बताया गया है।

सावन में शिव के साथ शनिदेव की पूजा क्यों की जाती है?
भगवान शिव और शनिदेव के बीच गहरा गुरु-शिष्य का रिश्ता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, स्वयं भगवान शिव ने शनिदेव को 'न्याय के देवता' और 'कर्मफल दाता' का पद दिया था। इसका अर्थ है कि शनिदेव मनुष्यों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं और उन्हें इस शक्ति का आधार भगवान शिव से ही मिला है।

सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना है और इस दौरान उनकी पूजा से वे बेहद प्रसन्न होते हैं। वहीं, सावन में जब भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं, तो शनिदेव भी अपने गुरु की पूजा से प्रसन्न होते हैं और अपने गुरु का सम्मान करने वाले भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। इसलिए सावन में शिव शनि पूजन को शुभ माना जाता है।शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव पीपल के वृक्ष के ऊपरी भाग में निवास करते हैं, जबकि शनिदेव जड़ में। इसलिए सावन में पीपल की पूजा करने से शिव और शनि दोनों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा चल रही हो, उनके लिए सावन में शिव और शनिदेव की एक साथ पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है।

इससे शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और जीवन में आने वाली परेशानियाँ दूर होती हैं। चूँकि शनिदेव कर्मों के अनुसार फल देते हैं, इसलिए सावन में उनकी पूजा करने से व्यक्ति को उसके अच्छे कर्मों का शुभ फल मिलता है और बुरे कर्मों का प्रभाव कम होता है। शनिदेव की कृपा से धन-संपत्ति से जुड़ी बाधाएँ दूर होती हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

व्यापार और नौकरी में उन्नति के अवसर मिलते हैं। शनि का प्रकोप कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है। सावन में शिव और शनिदेव की पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य में सुधार होता है। जीवन में चल रही समस्याओं और तनाव से मुक्ति मिलती है। पूजा से मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

शनिदेव और शिव दोनों की कृपा से शत्रुओं पर विजय और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। सच्चे मन से की गई पूजा व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है। सावन में भगवान शिव के साथ शनिदेव की पूजा करना एक विशेष संयोग है जो भक्तों के लिए बहुत लाभ लेकर आता है। यह गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करता है।

Share this story

Tags