बुधवार को गणेश अष्टकम का पाठ क्यों है खास? वायरल वीडियो में जाने इसके नियमित पाठ का महत्त्व और मिलने वाले चमत्कारी लाभ

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। वे विघ्नहर्ता हैं- यानी हमारे जीवन की सभी बाधाओं और परेशानियों को दूर करने वाले। किसी भी पूजा, यज्ञ, विवाह, गृह प्रवेश या किसी नए काम की शुरुआत से पहले श्री गणेश को याद करना शुभ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए बुधवार के दिन एक खास स्तोत्र का पाठ करने से सभी बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं? यह स्तोत्र है- श्री गणेशाष्टकम स्तोत्र।
गणेशाष्टकम स्तोत्र क्या है?
'गणेशाष्टकम' एक संस्कृत रचना है, जिसमें आठ श्लोकों के माध्यम से भगवान गणेश की स्तुति की गई है। यह स्तोत्र भगवान गणेश के स्वरूप, उनकी शक्तियों और उनके आशीर्वाद को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी व्यक्ति भक्ति भाव से इस अष्टक का पाठ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। माना जाता है कि इस स्तोत्र की रचना आदि शंकराचार्य ने की थी, जिनकी अन्य स्तोत्र रचनाएँ जैसे - शिव तांडव स्तोत्र, कनकधारा स्तोत्र, भगवती स्तोत्र आदि भी बहुत प्रसिद्ध हैं।
बुधवार क्यों है खास?
बुधवार को भगवान गणेश का विशेष दिन माना जाता है। यह दिन बुध ग्रह से जुड़ा है, जो बुद्धि, संचार, व्यापार और निर्णय लेने की क्षमता का कारक है। भगवान गणेश को 'बुद्धिदाता' भी कहा जाता है, इसलिए बुधवार को उनकी पूजा विशेष फलदायी होती है। अगर आप बुधवार को श्री गणेश की पूजा करते हैं और श्री गणेशाष्टकम का पाठ करते हैं, तो न केवल आपकी सोच और समझ में सुधार होता है, बल्कि जीवन की उलझनों और अटके हुए कार्यों में भी प्रगति होने लगती है।
गणेशाष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से मिलते हैं ये 7 चमत्कारी लाभ:
बाधाओं का नाश - जीवन में बार-बार आने वाली रुकावटें, रुकावटें और असफलताएं दूर होती हैं।
कार्य सिद्धि - अटके हुए कार्य पूरे होते हैं और नए कार्यों में सफलता मिलती है।
बुद्धि और विवेक में वृद्धि – निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है और मन स्थिर होता है।
आर्थिक लाभ – व्यापार में लाभ, आय में वृद्धि और धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
स्वास्थ्य में सुधार – मानसिक तनाव कम होता है और बीमारियों से बचाव होता है।
विद्यार्थियों को विशेष लाभ – पढ़ाई में मन लगता है और परीक्षा में सफलता मिलती है।
परिवार में सुख-शांति आती है – पारिवारिक कलह, अशांति और दरिद्रता दूर होती है।
श्री गणेशाष्टकम का पाठ करने की विधि (बुधवार का विशेष उपाय)
अगर आप चाहते हैं कि गणेशजी आपकी सभी बाधाएं दूर करें तो बुधवार की सुबह जल्दी उठकर इस प्रकार पूजा करें:
सुबह स्नान करके स्वच्छ हरे या पीले कपड़े पहनें।
पूजा स्थल पर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
उन्हें दूर्वा (दूब घास), मोदक, लड्डू और सिंदूर चढ़ाएं।
धूप, दीप, अक्षत और फूल चढ़ाएं।
शांत मन से श्री गणेशाष्टकम स्तोत्र का पाठ करें।
पाठ के बाद 11 या 21 बार “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
अंत में भगवान गणेश से प्रार्थना करें कि वे आपकी बाधाओं को दूर करें और आपको सफलता प्रदान करें।
श्री गणेशाष्टकम स्तोत्र (संक्षिप्त रूप)
सुमुखश्चैकदंतश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदर्श्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः॥
धूम्रकेतुर्गनाध्यक्षो भालचंद्रो गजाननः।
वक्रतुण्ड: सुर्पकर्णो हेरम्भः स्कंदपूर्वजः।
इस स्तोत्र में भगवान गणेश की आठ विशेष नामों और रूपों के माध्यम से स्तुति की गई है। इसे भक्ति भाव से पढ़ने मात्र से ही सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लाभ
श्री गणेशाष्टकम जैसे मंत्र और स्तोत्र का जाप करने से न केवल धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि मन और मस्तिष्क को शांति भी मिलती है। संस्कृत श्लोकों के ध्वनि कंपन मस्तिष्क की तरंगों को शांत करते हैं, जिससे मानसिक संतुलन और एकाग्रता बढ़ती है। यही वजह है कि आजकल भगवान गणेश के मंत्रों का इस्तेमाल साधना में भी किया जाने लगा है। अगर आप भी जीवन में बार-बार आने वाली समस्याओं, बाधाओं और असफलताओं से परेशान हैं तो श्री गणेशाष्टकम का पाठ आपके लिए चमत्कारी उपाय हो सकता है। खास तौर पर बुधवार को इसका पाठ करने से भगवान गणेश बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्त को अपना दिव्य आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यह न केवल एक धार्मिक कृत्य है, बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति प्राप्त करने का एक अद्भुत माध्यम भी है।