Samachar Nama
×

खाटू श्यामजी को कच्चे दूध से क्यों है विशेष प्रेम? वायरल फुटेज में जानिए वो कथा जब दूध बन गया था आस्था का प्रतीक

खाटू श्यामजी को कच्चे दूध से क्यों है विशेष प्रेम? वायरल फुटेज में जानिए वो कथा जब दूध बन गया था आस्था का प्रतीक

प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटूश्यामजी में हर रोज लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर बाबा श्याम के दरबार पहुंचते हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और हरियाणा समेत देश-विदेश से लोग श्याम के दरबार पहुंचते हैं। बाबा श्याम को प्रसन्न करने के लिए श्याम मंदिर में तरह-तरह की मिठाइयों का प्रसाद चढ़ाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाबा श्याम को कौन सी मिठाई सबसे ज्यादा पसंद है और मंदिर के पुजारी बाबा श्याम को कौन सी मिठाई का भोग लगाते हैं। मंदिर में भोग आरती के दौरान बाबा श्याम को मुख्य रूप से उनकी पसंदीदा चीजों का भोग लगाया जाता है। 


उनकी इन पसंदीदा मिठाइयों के बाद ही बाबा श्याम की आरती और भोग पूरा माना जाता है। शाम के समय बाबा श्याम को सबसे ज्यादा पसंद चीज कच्चा दूध है। मंदिर में आरती के दौरान बाबा श्याम को मुख्य रूप से गाय का कच्चा दूध चढ़ाया जाता है। बाबा श्याम सिर्फ गाय का कच्चा दूध ही पीते हैं। इसके पीछे कई किंवदंतियां हैं। एक किवदंती है कि बाबा श्याम का सिर श्याम कुंड से निकला था। श्याम का सिर प्रकट होने से पहले श्याम कुंड के स्थान पर हरा-भरा जंगल हुआ करता था। वहां एक ग्वाला अपनी गायों को चराने के लिए हर रोज आता था। हर रोज एक गाय पेड़ के पास जाती थी और अपने आप दूध की धार छोड़ती थी। ग्वाले को आश्चर्य हुआ और वहां खुदाई की गई। खुदाई के दौरान बाबा श्याम का सिर प्रकट हुआ। 

मान्यता है कि खाटूश्यामजी में बाबा श्याम ने सबसे पहले गाय के दूध का प्रसाद ग्रहण किया था। इसलिए उन्हें सबसे पहले गाय का कच्चा दूध चढ़ाया जाता है जो उनका प्रिय है। मुख्य अवसर पर खीर चूरमा का भोग लगाया जाता है बाबा श्याम को खीर चूरमा भी बहुत पसंद है। खाटूश्यामजी मंदिर में मुख्य कार्यक्रम और ग्यारस के अवसर पर खीर और चूरमा जरूर चढ़ाया जाता है। भोग के लिए बनाई गई खीर में गाय के दूध का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसका कारण यह है कि राजस्थान की मुख्य पहचान चूरमा है और बाबा श्याम को दूध से बने उत्पाद ज्यादा पसंद हैं। जब बाबा श्याम राजस्थान में प्रकट हुए तो उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंदिर के पुजारी ने राजस्थानी चूरमा और उनकी पसंदीदा दूध की खीर का भोग लगाया। बाबा श्याम के लिए बनाई गई खीर में काजू, बादाम और किशमिश भी डाली जाती है। 

दूध से बने पेड़े बहुत पसंद किए जाते हैं
बाबा श्याम को दूध से बने मावा पेड़े का भोग भी लगाया जाता है। खाटूश्याम जी मंदिर परिसर में दूध से बने पेड़ों की मिठाई की दुकान आसानी से देखी जा सकती है। भक्तगण मंदिर में जाकर बाबा श्याम को प्रसन्न करने के लिए पेड़े भी चढ़ाते हैं। इसके अलावा व्रत रखने और घर पर भोग लगाने के दौरान भी बाबा श्याम को मिश्री और दूध से बने पेड़े चढ़ाए जाते हैं। आमतौर पर ज्यादातर ये पेड़े मंदिर के पुजारी द्वारा बाबा श्याम को चढ़ाए जाते हैं।

बाबा से सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है
बाबा श्याम को प्रसन्न करने के लिए आप अपने घर पर भी बाबा श्याम को कच्चा दूध, खीर चूरमा और दूध से बने पेड़े चढ़ा सकते हैं। मान्यता है कि बाबा श्याम से सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है, इसलिए आप भी बाबा श्याम को प्रसन्न कर अपनी मुरादें पूरी कर सकते हैं।

Share this story

Tags