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जब जीवन में आएं कठिन समय और बीमारियां सताने लगें तो रोज करें श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ, वीडियो में जानिए पूर्ण विधि 

जब जीवन में आएं कठिन समय और बीमारियां सताने लगें तो रोज करें श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ, वीडियो में जानिए पूर्ण विधि 

जीवन में हर किसी को कभी न कभी संकटों और बीमारियों का सामना करना पड़ता है। ये कठिनाइयां न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि मानसिक तनाव और भावनात्मक परेशानी का कारण भी बनती हैं। ऐसे समय में जहां आधुनिक चिकित्सा और उपचार जरूरी हैं, वहीं आध्यात्मिक उपायों का सहारा लेकर मन को भी शांति दी जा सकती है। भगवान श्रीगणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन कहा जाता है, उनके 12 नामों वाली स्तुति का नियमित पाठ करने से जीवन की तमाम समस्याएं दूर हो सकती हैं।


भगवान श्रीगणेश और उनका महत्व
भगवान गणेश को हिन्दू धर्म में सबसे पहले पूजा जाता है। वे बुद्धि, समृद्धि, शुभता और विघ्नों के नाशक हैं। कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले गणेशजी की पूजा की जाती है ताकि कार्य सफल और बाधा रहित हो। संकट और बीमारी के समय भी भगवान गणेश की आराधना अत्यंत फलदायक मानी जाती है। उनके कई नाम और स्वरूप हैं, जिनमें से प्रत्येक नाम उनका एक विशेष गुण या प्रभाव दर्शाता है। भगवान गणेश के 12 नामों वाली स्तुति उनके विभिन्न रूपों और गुणों का संक्षिप्त और प्रभावशाली वर्णन है, जो भक्तों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

12 नामों वाली स्तुति का पाठ क्यों करें?
जब जीवन में संकट आते हैं या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, तब मन में निराशा और भय घर कर जाता है। ऐसे में भगवान गणेश के 12 नामों वाली स्तुति का नियमित पाठ करना आत्मा को शक्ति देता है। यह स्तुति भगवान गणेश के विविध रूपों की महिमा का बखान करती है और भक्त की आंतरिक ऊर्जा को जागृत करती है।इस स्तुति को पढ़ने से मन को शांति मिलती है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं, और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने लगते हैं। भक्त की सभी बाधाएं, चाहे वे शारीरिक हों या मानसिक, धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। इसके अलावा, गणेशजी की कृपा से नए अवसर मिलते हैं और जीवन में सफलता के द्वार खुलते हैं।

संकट और बीमारियों में लाभकारी
संकट और बीमारी जीवन की दो ऐसी अवस्थाएँ हैं जो व्यक्ति को कमजोर और असहाय महसूस कराती हैं। चाहे आर्थिक संकट हो, पारिवारिक कलह, नौकरी या करियर से जुड़ी परेशानियां, या फिर कोई गंभीर शारीरिक बीमारी, भगवान गणेश की स्तुति सभी समस्याओं का समाधान लेकर आती है।आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश की उपासना से न केवल बाहरी बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि आंतरिक मनोबल भी बढ़ता है। जब मन मजबूत होता है, तब व्यक्ति बीमारी से लड़ने और समस्याओं का सामना करने में सक्षम होता है। इसलिए, गणेश जी के 12 नामों वाली स्तुति का पाठ संकट और बीमारी दोनों में लाभदायक माना जाता है।

कैसे करें 12 नामों वाली स्तुति का पाठ?
समय और स्थान: सुबह या शाम के समय, शांति और स्वच्छता से युक्त स्थान पर पूजा करें।
सज्जा: गणेशजी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक, अगरबत्ती और फूल चढ़ाएं।
पाठ: श्रद्धा और विश्वास के साथ गणेश के 12 नामों वाली स्तुति का पाठ करें।
समापन: पाठ के बाद प्रार्थना करें और अपने संकट दूर करने की इच्छा भगवान गणेश से व्यक्त करें।
नियमितता: इसे कम से कम 21 दिनों तक निरंतर करें, जिससे इसका प्रभाव अधिकतम होता है।

12 नामों वाली स्तुति के नाम और उनके अर्थ
भगवान गणेश के 12 प्रमुख नाम हैं – गणपति, विघ्नेश्वर, एकदंत, विघ्ननाशक, लम्बोदर, महाकाय, सूर्यसंकटहर, दंतेश्वर, गजानन, सिद्धिदायक, विनायक और धर्मनाथ। प्रत्येक नाम भगवान के एक विशेष गुण का परिचायक है। जैसे विघ्ननाशक नाम उनके विघ्न दूर करने वाले रूप को दर्शाता है, तो सिद्धिदायक नाम सिद्धि प्रदान करने वाले रूप को। इन नामों का उच्चारण करने से उनकी दिव्य ऊर्जा का संचार होता है।

भक्तों के अनुभव
कई भक्तों ने बताया है कि जब वे जीवन में गहरे संकट और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे, तब भगवान गणेश की 12 नामों वाली स्तुति का नियमित पाठ शुरू किया। धीरे-धीरे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया, बीमारी में राहत मिली और मानसिक तनाव कम हुआ। उनका अनुभव बताता है कि विश्वास और समर्पण के साथ की गई उपासना से चमत्कार संभव है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण
विज्ञान भी इस बात को मानता है कि नियमित पूजा, ध्यान और मंत्र जाप से मस्तिष्क की अल्फा तरंगें सक्रिय होती हैं, जो तनाव कम करती हैं और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं। इसलिए, धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोणों से भगवान गणेश की स्तुति का नियमित पाठ लाभकारी है।

जीवन में संकट, तनाव और बीमारियां सभी के भाग्य में आती हैं। लेकिन भगवान श्रीगणेश की 12 नामों वाली स्तुति का नियमित और श्रद्धापूर्वक पाठ करने से न केवल संकट कम होते हैं, बल्कि जीवन में नई उम्मीद और ऊर्जा का संचार होता है। यह स्तुति न केवल भगवान के प्रति भक्ति का माध्यम है, बल्कि एक आध्यात्मिक औषधि भी है जो रोग और समस्याओं से मुक्ति दिलाती है।इसलिए, यदि आप जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या से घिरे हुए हैं, तो भगवान श्रीगणेश के 12 नामों वाली स्तुति का नियमित पाठ अवश्य करें। निश्चित ही गणपति बप्पा की कृपा से आपके सारे विघ्न दूर होंगे और जीवन सुख-शांति एवं समृद्धि से भर जाएगा।

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