जब हनुमान जी और शनिदेव के बीच हुआ भीषण युद्ध, वायरल वीडियो में जानिए उस दिन की कथा और सरसों तेल चढ़ाने की रहस्यमयी परंपरा

अक्सर आपने अपने बड़े-बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि अगर हनुमान जी की पूजा की जाए तो शनिदेव परेशान नहीं करते या उनका गुस्सा दूर हो सकता है। शनिदेव को तेल चढ़ाने से वे क्यों प्रसन्न होते हैं, इसके पीछे एक कहानी है। आपको बता दें कि ये दोनों ही चीजें एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं, जिसके पीछे भी एक कहानी छिपी हुई है, इसलिए इस कहानी के बारे में जानना जरूरी है। हमारा आज का लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको इस लेख के जरिए बताएंगे कि हनुमान जी और शनिदेव से जुड़ी कहानी क्या है और शनिदेव को सरसों का तेल क्यों चढ़ाया जाता है। आगे पढ़ें...
क्यों हुआ हनुमान और शनिदेव का झगड़ा?
हम सभी इस बात को अच्छे से जानते हैं कि हनुमान जी भगवान राम के भक्त हैं। ऐसे में आपको बता दें कि एक बार हनुमान जी श्री राम के किसी काम में व्यस्त थे। तब शनिदेव ने हनुमान जी के साथ मस्ती करने की सोची। शनिदेव हनुमान जी के काम में रुकावटें डालने लगे और उन्हें परेशान करने लगे। इस पर हनुमान जी को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने शनिदेव को अपनी पूंछ से पकड़ लिया। शनिदेव द्वारा उन्हें जकड़ लेने के बाद वे अपने काम में व्यस्त हो गए।
शनिदेव ने उन्हें कई बार छोड़ने के लिए कहा। लेकिन हनुमान जी अपने काम में इतने व्यस्त थे कि उन्हें कुछ भी याद नहीं रहा। इस काम के बीच में शनिदेव को भी काफी चोट लग गई। ऐसे में जब काम खत्म हो गया तो हनुमान जी को शनिदेव की याद आई और वे उन्हें छोड़कर चले गए। ऐसे में शनिदेव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उनका अहंकार भी टूट गया। उन्होंने हनुमान जी से क्षमा मांगी। चूंकि शनिदेव को काफी चोट लगी थी। ऐसे में उन्होंने उन चोटों पर लगाने के लिए सरसों का तेल मांगा। साथ ही कहा कि जो भी मुझे सरसों का तेल चढ़ाएगा उसे मेरा आशीर्वाद मिलेगा। और जो हनुमान जी की पूजा करेगा उसे मैं परेशान नहीं करूंगा।