कब है Ganesh Chaturthi की छुट्टी और कौन-कौन से राज्य में कितने दिन स्कूल बंद रहेंगे? यहां विस्तार से पढ़े पूरी जानकारी
भगवान गणेश का जन्मोत्सव, गणेश चतुर्थी, हिंदू धर्म के प्रमुख और सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। इसे बुद्धि, समृद्धि और विघ्नहर्ता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर यह पर्व अनंत चतुर्दशी तक दस दिनों तक चलता है। इन दस दिनों के दौरान, भक्त घर पर या सार्वजनिक पंडाल में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करके उनकी पूजा करते हैं। यह त्योहार महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दौरान भव्य पंडाल सजाए जाते हैं, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और भक्त गणेश जी के दर्शन और पूजन में भाग लेते हैं। स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान अक्सर इस अवधि के दौरान छुट्टियां घोषित कर देते हैं ताकि लोग पूरे उत्सव में शामिल हो सकें और अपने परिवारों के साथ इस त्योहार की खुशियाँ साझा कर सकें।
गणेश चतुर्थी 2025 तिथियां और मुहूर्त
इस वर्ष गणेश चतुर्थी 26 अगस्त 2025 से 6 सितंबर 2025 तक मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे शुरू होगी और 27 अगस्त को दोपहर 3:44 बजे समाप्त होगी। मुख्य उत्सव बुधवार, 27 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। मध्याह्न गणेश पूजा का मुहूर्त इस दिन सुबह 11:06 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक रहेगा। 10 दिवसीय उत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन, शनिवार, 6 सितंबर को गणेश विसर्जन के साथ होगा।
गणेश चतुर्थी की छुट्टियां
गणेश चतुर्थी कोई राष्ट्रीय अवकाश नहीं है, लेकिन जिन राज्यों में यह त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, वहाँ स्कूलों, कॉलेजों, बैंकों और अन्य सरकारी संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया जाता है।
प्रमुख राज्य और अवकाश
महाराष्ट्र: मुंबई, पुणे और नासिक में लालबागचा राजा जैसे भव्य उत्सव।
गुजरात: अहमदाबाद और सूरत के बड़े पंडालों में उत्सव।
कर्नाटक: बेंगलुरु और हुबली में भव्य आयोजन।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना: हैदराबाद में खैरताबाद गणेश बहुत प्रसिद्ध हैं।
गोवा, ओडिशा, तमिलनाडु: सीमित अवकाश, लेकिन बड़े पैमाने पर उत्सव।
दिल्ली और अन्य राज्य: कुछ निजी संस्थानों में अवकाश।
यह त्योहार क्यों खास है?
गणेश चतुर्थी का न केवल धार्मिक महत्व है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। पंडालों की सजावट, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भक्तों की भक्ति इस त्योहार को और भी खास बना देते हैं। महाराष्ट्र में, लाखों लोग लालबागचा राजा और खैरताबाद गणेश जैसे पंडालों में दर्शन के लिए आते हैं।
10 दिवसीय उत्सव और अनंत चतुर्दशी
पूजा के दौरान, भक्त भगवान गणेश को स्नान कराकर, उन्हें नए वस्त्र पहनाकर और भव्य प्रसाद चढ़ाकर उनकी पूजा करते हैं। यह दस दिवसीय उत्सव न केवल एक धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि सामाजिक मेलजोल और उत्सव का भी माध्यम है। अंत में, अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है, जिसे बुराई और बाधाओं के अंत का प्रतीक माना जाता है।

