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जब औरंगजेब ने तोड़ दीं गोविंद देव जी मंदिर की मंजिलें तब हनुमान जी सिंह बनकर आए रक्षा करने, वायरल वीडियो में देखे सदियों पुरानी गाथा 

जब औरंगजेब ने तोड़ दीं गोविंद देव जी मंदिर की मंजिलें तब हनुमान जी सिंह बनकर आए रक्षा करने, वायरल वीडियो में देखे सदियों पुरानी गाथा 

भगवान गोविंद देव जी का ऐतिहासिक मंदिर राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित है। इस मंदिर में गोविंद देव (कृष्ण) और राधा विराजमान हैं। वैसे तो जयपुर में स्थित इस मंदिर के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन आपको बता दें कि पहले गोविंद देव जी का यह प्राचीन मंदिर वृंदावन में स्थित था। एक बार हनुमान जी इसकी रक्षा के लिए शेर का रूप धारण करके प्रकट हुए थे। भगवान गोविंद देव जी का प्राचीन मंदिर वृंदावन में था, यह सात मंजिला मंदिर था। 


मंदिर की छत पर हमेशा सात मन घी का दीपक जलता रहता था। कहा जाता है कि एक बार मुगल बादशाह औरंगजेब अपने किले की छत पर चढ़ा तो उसने दूर से वृंदावन मंदिर में एक दीपक जलता हुआ देखा। ऐसे में जब औरंगजेब ने इसे देखा तो उसे लगा कि यह चांद है, इस पर उसने लोगों से पूछा कि आज दो चांद कैसे दिखाई दे रहे हैं। औरंगजेब के इस सवाल का जवाब देने पर लोगों ने बताया कि यह चांद नहीं बल्कि गोविंद देव जी के मंदिर में जल रहा एक दीपक है। 

औरंगजेब ने मंदिर की चार मंजिलें तुड़वा दी थीं
यह जानकर औरंगजेब को आश्चर्य हुआ। ऐसे में उसने मंदिर की भव्यता को नष्ट करने का निर्णय लिया। औरंगजेब ने इस मंदिर की चार मंजिलें तुड़वा दीं, जिसके बाद दो से तीन मंजिलें ही बचीं। सभी ब्रजवासियों ने मंदिर को बचाने के लिए प्रार्थना की। कहा जाता है कि लोगों की पुकार सुनकर हनुमान जी गोविंद देव जी के मंदिर की रक्षा के लिए सिंह के रूप में प्रकट हुए। हनुमान जी ने सिंह के रूप में दहाड़ लगाई और यह आवाज औरंगजेब के कानों तक पहुंची। सिंह के रूप में हनुमान जी ने कहा कि औरंगजेब यहां से चला जाए वरना मैं तेरी सात पीढ़ियों को नष्ट कर दूंगा।

आज भी स्थित है हनुमान जी का मंदिर

सिंह के रूप में हनुमान जी की बात सुनकर औरंगजेब वहां से चला गया। आज भी गोविंद देव जी के मंदिर के स्थान पर सिंहपुर हनुमान जी का मंदिर है, जहां भक्त उनके दर्शन करते हैं। आपको बता दें कि भगवान गोविंद देव जी का जो मंदिर जयपुर लाया गया था उसे वहां के राजा सवाई जय सिंह द्वितीय लेकर आए थे। राजा सवाई जय सिंह द्वितीय जयपुर के संस्थापक थे।

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