आज इस विधि से करें भगवान गणेश की आराधना
आपको बता दें विनायक चतुर्थी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना जाता हैं। हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक, हर मास में दो चतुर्थी आती हैं शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता हैं। वही मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी विनायक चतुर्थी इस साल 30 नवंबर यानकी आज मनाई जा रही हैं।
इस दिन भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा आराधना की जाती हैं। जिससे प्रसन्न होकर विघ्नहर्ता गणेश जी भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं वही उनके आशीर्वाद से सभी बिगड़े कार्य बन जाते हैं और व्यक्ति को सफलता भी प्राप्त होती हैं।
विनायक चतुर्थी पूजन विधि—
आपको बता दें कि विनायक चतुर्थी के दिन श्री गणेश की पूजा करने और व्रत उपवास रखने से परिवार में सुख समृद्धि, आर्थिक संपन्नता, ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद व्यक्ति को प्राप्त होता हैं। विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान कर लाल वस्त्रों को धारण करना चाहिए। फिर व्रत और पूजन का संकल्प करें। इसके बाद दोपहर में पूजा स्थल पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। उनका षोडशोपचार पूजन करें।
उनकी मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। ‘ओम गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करते हुए 21 दूर्वा दल उनको अर्पित करें। फिर उनको पसंदीदा बूंदी के 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। उसमें से कुछ उनके चरणों में रख दें। कुछ गरीबों को दान करें और बाकी प्रसाद स्वरुप बांट दें। वही पूजन के दौरान कपूर रूा घी का दीपक जलाकर गणेश की आरती अवश्य करें। वही विनायक चतुर्थी के दिन श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का भी पाठ करें। यह आपके लिए फलदायी होगा। वही पूरा दिन फलाहार करें और शाम को भोजन करें शाम के समय पारण से पूर्व भी आप गणेश जी की आराधना करें।

