रामायण से जुड़ा अनसुना किस्सा! आखिर कौन थी श्रीराम की बहन जो आज भी भेजती है उन्हें राखी ? जानिए पौराणिक रहस्य
भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन आने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच विश्वास और भरोसे का दिन है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बाँधती है और भाई उस रक्षा सूत्र से बंधा हुआ अपनी बहन की हर परिस्थिति में रक्षा करने का वचन देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चक्रवर्ती राजा दशरथ के चारों पुत्रों को राखी किसने बाँधी थी? आइए जानते हैं कि भगवान राम समेत चारों भाइयों को राखी किसने बाँधी थी। क्या वाकई भगवान राम की कोई बहन नहीं थी?
यह पात्र बिल्कुल सत्य है
आपने रामायण के बारे में पढ़ा और सुना होगा। सभी जानते हैं कि राजा दशरथ के चार पुत्र थे - राम, भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण। लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि राजा दशरथ की एक पुत्री भी थीं, जो रानी कौशल्या से पैदा हुई थीं। धार्मिक ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। भगवान राम की बहन का नाम शांता था और शांता ही त्रेता युग में भगवान राम समेत चारों भाइयों को राखी बाँधती थीं। राम कचहरी मंदिर के महंत शशिकांत दास बताते हैं कि भगवान राम की एक बहन भी थीं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, माता कौशल्या ने एक पुत्री को भी जन्म दिया था, जिसका नाम शांता था। वहीं, कौशल्या की एक बहन भी थीं, जिसका नाम वर्षिणी था। वर्षिणी के कोई संतान न होने के कारण राजा दशरथ ने अपनी पुत्री को उन्हें गोद दे दिया था।
राखी अब भी आती है
लेकिन ऐसा कहा जाता है कि शांता हमेशा रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भगवान राम और तीनों भाइयों को राखी बांधती थीं। वर्तमान में, देश की कई बहनें अयोध्या के राम मंदिर में डाकघर के माध्यम से भगवान के लिए राखी भेजती हैं। वहीं, अयोध्या में ही एक स्थान ऐसा भी है, जहाँ भगवान राम की बहन साँता का मंदिर है। राम मंदिर निर्माण के बाद, हर साल रक्षाबंधन के अवसर पर भगवान राम और चारों भाइयों के लिए वहाँ से राखी आती है।

