Samachar Nama
×

सालासर या मेंहदीपुर नहीं ये है भारत का इकलौता गिनीज बुक रिकॉर्ड धारी हनुमान मंदिर, वीडियो में जाने इसके चमत्कारों की कहानी

सालासर या मेंहदीपुर नहीं ये है भारत का इकलौता गिनीज बुक रिकॉर्ड धारी हनुमान मंदिर, वीडियो में जाने इसके चमत्कारों की कहानी

राजस्थान में बालाजी महाराज के चमत्कारी मंदिरों की बात करें तो अक्सर दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर और चूरू जिले के सालासर बालाजी का जिक्र होता है। लेकिन राजस्थान में बालाजी का एक ऐसा मंदिर भी है जिसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। ये है सीकर का देवीपुरा बालाजी मंदिर... ये मंदिर न सिर्फ भक्तों की आस्था का केंद्र है, बल्कि एक अनोखी घटना की वजह से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है। ये एक शक्तिपीठ है।

 

मंदिर से जुड़े जानकारों के मुताबिक करीब 350 साल पहले बालाजी महाराज की अष्टधातु की मूर्ति को जयपुर से किसी अन्य स्थान पर ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्ते में रात हो जाने पर मूर्ति को विश्राम के लिए भगवान राम के मंदिर के पास रख दिया गया। अगली सुबह जब मूर्ति को उठाने का प्रयास किया गया तो वो अपनी जगह से हिली तक नहीं।

मान्यता है कि उस समय मूर्ति से आवाज आई कि मैं अपने प्रिय राम के पास रहना चाहती हूं... तब सीकर के शासक राजा देवी सिंह ने इसे यहां स्थायी रूप से स्थापित करवा दिया। इस मंदिर का एक और बड़ा आकर्षण दुनिया की सबसे बड़ी रोटी है, जो वर्ष 2023 में बालाजी महाराज को चढ़ाई गई थी। इस रोटी का वजन 2700 किलो था! इसे तैयार करने में जेसीबी, क्रेन और सैकड़ों कारीगरों ने योगदान दिया। यही वजह है कि इस अद्भुत आयोजन ने मंदिर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। 25000 से अधिक भक्तों ने एक साथ प्रसादी ग्रहण की।

हर साल हनुमान जयंती पर मंदिर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। देशभर से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। भजन संध्या, अखंड रामायण और विशेष पूजा-पाठ जैसे आयोजनों से पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है। देवीपुरा बालाजी सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि चमत्कार, परंपरा और भक्ति का प्रतीक है।

Share this story

Tags