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वीडियो में Karni Mata Temple के 600 साल पुराने रहस्यों से उठेगा पर्दा! जानिए वो 7 रहस्य जो आजतक अनसुलझे 

वीडियो में Karni Mata Temple के 600 साल पुराने रहस्यों से उठेगा पर्दा! जानिए वो 7 रहस्य जो आजतक अनसुलझे 

आप जानते ही हैं कि भारत में सैकड़ों चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर हैं। इनमें से कुछ के दर्शन आप भी कर चुके होंगे और कुछ का रहस्य अभी तक सुलझ नहीं पाया है। तो इस बार हम आपको भारत के राजस्थान राज्य के बीकानेर जिले में स्थित करणी माता मंदिर का रहस्य बताते हैं।


1. करणी माता कौन थीं: कहा जाता है कि माता करणी का जन्म 1387 में एक चारण परिवार में हुआ था और उनका बचपन का नाम रिघुबाई था। उनका विवाह साठिका गांव के किपोजी चारण से हुआ था। वैरागी बनने के बाद माता ने सांसारिक जीवन त्याग दिया और लोगों की सेवा करने लगीं। यह भी कहा जाता है कि सांसारिक जीवन छोड़ने से पहले उन्होंने अपने पति की शादी अपनी छोटी बहन गुलाब से करवा दी थी। यह भी कहा जाता है कि माता करीब 151 साल तक जीवित रहीं। जिस स्थान पर माता ने अपना शरीर त्यागा था, वहां आज करणी माता का मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण बीकानेर स्टेट के महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था।

2. इस मंदिर में हैं हजारों चूहे: यह मंदिर राजस्थान के बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर देशनोक शहर में स्थित है। यहां जाने पर आपको मंदिर प्रांगण और गर्भगृह में हजारों चूहे नजर आएंगे। कहा जाता है कि यहां करीब 20 हजार चूहे हैं। इसीलिए इस मंदिर को चूहों का मंदिर भी कहा जाता है।

3. रहस्यमय है मंदिर की कहानी: मान्यता है कि करणी माता की बहन के बेटे लक्ष्मण की कपिल सरोवर में डूबकर मौत हो गई थी। जब माता को इस बात का पता चला तो उन्होंने यमराज से अपने बेटे को पुनर्जीवित करने की प्रार्थना की। यमराज बेबस हो गए और उन्होंने उसे चूहे के रूप में पुनर्जीवित कर दिया। कहा जाता है कि तभी से यहां हजारों चूहे खुलेआम घूमते नजर आते हैं। ये सभी माता के बेटे और वंशज हैं। हालांकि लोकगीतों में इन चूहों की एक अलग कहानी बताई जाती है। इस कहानी के अनुसार एक बार 20 हजार सैनिकों की टुकड़ी देशनोक पर आक्रमण करने आई थी। जब माता को इस बात का पता चला तो उन्होंने देशनोक की रक्षा के लिए अपनी शक्ति से उन सभी को चूहे में बदल दिया।

4. चूहे मारने पर करना पड़ता है प्रायश्चित: यहां चूहों को 'काबा' कहा जाता है और उन्हें रोजाना खाना खिलाया जाता है और उनकी रक्षा की जाती है. यहां इतने चूहे हैं कि आपको अपने पैर घसीटते हुए चलना पड़ेगा. अगर आपके पैरों के नीचे एक भी चूहा मर जाए तो इसे अपशकुन माना जाता है. अगर आप इस अपशकुन से बचना चाहते हैं तो आपको सोने का चूहा बनवाकर यहां रखना होगा.

5. चूहे देवी मां की कृपा का संकेत देते हैं: ऐसा कहा जाता है कि अगर एक भी चूहा आपके पैरों के ऊपर से गुजर जाए तो समझ लीजिए कि देवी ने आप पर कृपा की है और अगर आपको सफेद चूहा दिख जाए तो आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी.

6. यहां का प्रसाद अनोखा है: आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां चूहों का बचा हुआ खाना बहुत पवित्र माना जाता है. यहां प्रसाद के तौर पर भी खाना बांटा जाता है. कहा जाता है कि इस प्रसाद को खाने से किसी के बीमार होने की खबर नहीं आई है. हालांकि, यहां शुद्ध प्रसाद भी मिलता है.

7. आरती के समय सभी चूहे अपने बिलों से बाहर आ जाते हैं: इन चूहों की एक और खासियत यह है कि मंदिर में सुबह 5 बजे होने वाली मंगला आरती और शाम 7 बजे होने वाली संध्या आरती के समय ये अपने बिलों से बाहर आ जाते हैं। इस मंदिर से किसी भी तरह की दुर्गंध नहीं आती है और आज तक इन चूहों की वजह से कोई बीमारी भी नहीं हुई है।

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