Samachar Nama
×

मां दुर्गा को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय श्री भगवती स्तोत्रम्, 2 मिनट के वायरल वीडियो में जाने नियमित पाठ का महत्व, नियम और विधि 

मां दुर्गा को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय श्री भगवती स्तोत्रम्, 2 मिनट के वायरल वीडियो में जाने नियमित पाठ का महत्व, नियम और विधि 

हिंदू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति, साहस, रक्षा और करुणा की देवी माना जाता है। नवरात्रि, दुर्गाष्टमी या अन्य विशेष अवसरों पर मां दुर्गा की आराधना विशेष फलदायक मानी जाती है, लेकिन यदि आप प्रतिदिन मां भगवती की कृपा पाना चाहते हैं, तो इसके लिए "श्री भगवती स्तोत्रम्" का पाठ एक अत्यंत प्रभावशाली और सरल उपाय माना गया है।


क्या है श्री भगवती स्तोत्रम्?

"श्री भगवती स्तोत्रम्" एक अत्यंत प्राचीन और पवित्र स्तुति है, जिसे आदि शंकराचार्य ने रचा था। इसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु बाधा, रोग, भय और दरिद्रता से भी रक्षा करता है।

क्यों करें श्री भगवती स्तोत्रम् का नियमित पाठ?
इस स्तोत्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसका पाठ करने में बहुत अधिक समय नहीं लगता, फिर भी इसके लाभ असीम होते हैं। नियमित पाठ करने से आत्मविश्वास बढ़ता है, मन में साहस आता है और जीवन की जटिल परिस्थितियों में मार्गदर्शन मिलता है। यह स्तोत्र आपकी आंतरिक शक्ति को जागृत करता है और जीवन की बाधाओं से लड़ने की क्षमता देता है।

पाठ करने की विधि:
अगर आप श्री भगवती स्तोत्रम् का नियमित पाठ करना चाहते हैं, तो नीचे दी गई सरल विधि को अपनाकर आप मां दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं:

स्थान और समय
प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद किसी शांत स्थान पर बैठकर पाठ करें। यदि संभव हो तो पूजा कक्ष या मां दुर्गा की प्रतिमा अथवा चित्र के सामने बैठें।

साफ-सुथरे वस्त्र पहनें
सफेद, पीले या लाल वस्त्र पहनकर पाठ करना श्रेष्ठ माना जाता है। मन शांत और पवित्र रखें।

दीपक और अगरबत्ती जलाएं
माता रानी के समक्ष घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। उन्हें लाल फूल, अक्षत, रोली और मिठाई अर्पित करें।

श्री गणेश वंदना से करें प्रारंभ
सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और फिर "ॐ श्री दुर्गायै नमः" मंत्र का 11 बार जाप करें।

अब श्री भगवती स्तोत्रम् का पाठ करें
शुद्ध उच्चारण के साथ पूरे मनोयोग से स्तोत्र का पाठ करें। इसका पाठ संस्कृत में करें तो उत्तम, अन्यथा भावार्थ समझकर भी पढ़ सकते हैं।

अंत में करें प्रार्थना
पाठ समाप्त होने के बाद मां दुर्गा से अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। उनके चरणों में समर्पण का भाव रखें।

श्री भगवती स्तोत्रम् के पाठ से मिलने वाले लाभ
भय और नकारात्मकता से रक्षा:

यह स्तोत्र व्यक्ति के मन से भय को दूर करता है और उसके चारों ओर एक सुरक्षात्मक कवच का निर्माण करता है।

शत्रुओं पर विजय:
जिन लोगों को जीवन में शत्रु बाधाएं या विरोध का सामना करना पड़ता है, उनके लिए यह स्तोत्र विशेष रूप से लाभकारी है।

संतान सुख की प्राप्ति:
जो दंपत्ति संतान की कामना रखते हैं, उन्हें यह स्तोत्र श्रद्धा से करना चाहिए।

कर्ज और दरिद्रता से मुक्ति:
धन की रुकावट, व्यापार में हानि या कर्ज से मुक्ति के लिए भी यह स्तोत्र अत्यंत फलदायक है।

रोगों से छुटकारा:
मानसिक या शारीरिक रोगों से पीड़ित व्यक्ति यदि नियमित श्रद्धा से इसका पाठ करता है, तो उसे शीघ्र लाभ मिल सकता है।

मां दुर्गा की विशेष कृपा:
यह स्तोत्र मां के नौ रूपों को समर्पित होने के कारण सभी शक्तियों का समावेश करता है, जिससे भक्त पर मां की विशेष कृपा बनी रहती है।

विशेष मंत्र जो श्री भगवती स्तोत्रम् में आता है:
"या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥"

इस मंत्र का जाप करने मात्र से ही मां दुर्गा की उपस्थिति का अनुभव होने लगता है। यह मंत्र हमें बताता है कि मां दुर्गा हर जीव में शक्ति रूप में विद्यमान हैं।

Share this story

Tags