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भगवान श्रीराम की स्तुति का महात्म्य: जीवन को बदलने वाली स्तुतियाँ और विधि

भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम, धर्म, सत्य और आदर्श का प्रतीक माना जाता है। उनकी स्तुति न केवल भक्त के जीवन में मानसिक शांति और अध्यात्मिक उन्नति लाती है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों से लड़ने का साहस भी देती है.......
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भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम, धर्म, सत्य और आदर्श का प्रतीक माना जाता है। उनकी स्तुति न केवल भक्त के जीवन में मानसिक शांति और अध्यात्मिक उन्नति लाती है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों से लड़ने का साहस भी देती है। राम स्तुति का पाठ करने से आत्मिक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन की दिशा बदल सकती है।

श्रीराम स्तुति का महत्व

श्रीराम की स्तुति करने का अर्थ है उनके गुणों, आदर्शों और जीवन चरित्र का चिंतन करना। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम की कृपा से जीवन में संतुलन, विवेक, साहस और विजय की प्राप्ति होती है। विशेषकर जब मन अशांत हो या जीवन में अड़चनें बढ़ रही हों, तब राम स्तुति एक मार्गदर्शक की तरह कार्य करती है।

प्रमुख श्रीराम स्तुतियाँ और उनके अर्थ

1. श्री रामचंद्र कृपालु भजुमन, हरण भव भय दारुणं
अर्थ: हे मन! कृपा के सागर श्रीरामचंद्रजी का भजन कर, जो संसार के भय और दुखों को हरने वाले हैं। उनके नेत्र, मुख, हाथ और चरण नवखिले कमलों जैसे सुंदर हैं।

2. कन्दर्प अगणित अमित छवि, नव नील नीरद सुंदरं
अर्थ: जो श्रीराम देवी सीता के पति हैं, जिनकी सुंदरता अनगिनत कामदेवों को मात देती है। उनका रंग नीले बादल की तरह है और पीले वस्त्र बिजली की तरह चमकते हैं।

3. भजु दीनबन्धु दिनेश दानव, दैत्य वंश निकन्दनं
अर्थ: दीनों के बंधु, तेजस्वी सूर्य के समान, राक्षसों का संहार करने वाले, रघुकुल के आनंददाता श्रीराम को मैं भजता हूं।

4. शिर मुकुट कुंडल तिलक चारु, उदारु अंग विभूषणं
अर्थ: उनके सिर पर मुकुट, कानों में कुंडल, ललाट पर तिलक और शरीर पर आभूषण शोभा पा रहे हैं। वे धनुष-बाण से सुसज्जित योद्धा हैं।

5. इति वदति तुलसीदास शंकर, शेष मुनि मन रंजनं
अर्थ: तुलसीदास कहते हैं कि जो शिव, शेषनाग और सभी ऋषियों को प्रिय हैं, वे प्रभु मेरे हृदय में निवास करें और सभी विकारों का नाश करें।

6. मन जाहि राच्यो मिलहि सो, वर सहज सुंदर सांवरो
अर्थ: जिसे मन ने अपनाया है, वही सुंदर सांवला श्रीराम तुम्हें मिलेगा। वे दया के सागर और तुम्हारे प्रेम को समझने वाले हैं।

7. एहि भांति गौरी असीस सुन सिय, सहित हिय हरषित अली
अर्थ: जैसे माता गौरी ने सीता को उत्तम पति का आशीर्वाद दिया, वैसे ही वह आशीर्वाद जीवन में समृद्धि, सौभाग्य और मंगल लेकर आता है।

श्रीराम स्तुति विधि: कैसे करें पाठ

  1. ब्रह्म मुहूर्त में उठें: सुबह 4 बजे के आसपास उठकर स्नान करें।

  2. स्वच्छ वस्त्र पहनें: खासकर लाल या पीले रंग के वस्त्र शुभ माने जाते हैं।

  3. श्रीराम की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें: पूजा स्थान को साफ-सुथरा और शांत रखें।

  4. आसन बिछाएं: कुश या कपड़े का लाल/पीला आसन बिछाएं।

  5. पूजन सामग्री रखें: दीपक, धूप, अगरबत्ती, चंदन, फूल और फल भगवान को अर्पित करें।

  6. ध्यान और प्रार्थना: श्रीराम का ध्यान करें और उनके गुणों का चिंतन करें।

  7. स्तुति का पाठ करें: “श्रीरामचंद्र कृपालु भजुमन...” स्तुति को 5 या 11 बार पढ़ें।

राम स्तुति से होने वाले लाभ

  • मानसिक शांति और संतुलन

  • नकारात्मक विचारों से मुक्ति

  • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार

  • संकटों से छुटकारा और आत्मविश्वास में वृद्धि

  • भक्ति और श्रद्धा में गहराई

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