श्री गणेशाष्टकम् का पाठ सिर्फ आध्यात्मिक नहीं मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी है रामबाण उपाय, वायरल क्लिप में जाने कैसे ?
सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस पावन माह में भगवान शिव की आराधना के साथ-साथ उनके पुत्र भगवान गणेश की स्तुति करना भी पुण्यदायी माना गया है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि और ज्ञान के देवता कहा जाता है। उनके अनेक स्तोत्रों में से एक है – 'श्री गणेशाष्टकम्', जो संस्कृत में रचा गया एक अत्यंत प्रभावशाली स्तुति पाठ है। आमतौर पर इसे आध्यात्मिक लाभों के लिए पढ़ा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका नियमित पाठ आपको मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अनेक लाभ पहुँचा सकता है?
मन को शांति और तनाव से मुक्ति
'श्री गणेशाष्टकम्' एक ऐसा स्तोत्र है, जिसकी ध्वनि तरंगें और उच्चारण सीधे मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। जब इसे शुद्ध उच्चारण के साथ पढ़ा जाता है, तो इससे मन शांत होता है और तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। यह पूरी प्रक्रिया मन को मेडिटेटिव स्टेट में पहुंचाने का काम करती है, जिससे मानसिक सुकून मिलता है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
संस्कृत मंत्रों की ध्वनि कम्पनें शरीर के भीतर ऊर्जा चक्रों (चक्र) को सक्रिय करती हैं। 'श्री गणेशाष्टकम्' के पाठ के दौरान उत्पन्न वाइब्रेशन हार्ट और थायरॉइड चक्र को प्रभावित करते हैं। यह शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बनाते हैं, जिससे व्यक्ति स्वयं को अधिक ऊर्जावान और प्रफुल्लित महसूस करता है।
एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि
गणेश जी को 'बुद्धि-विनायक' भी कहा जाता है, और श्री गणेशाष्टकम् का पाठ मस्तिष्क के कॉग्निटिव फंक्शन पर भी असर डालता है। शोधों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति प्रतिदिन 15 मिनट तक मंत्रोच्चारण करता है, तो ब्रेन वेव्स स्थिर होती हैं और कंसन्ट्रेशन पावर बेहतर होती है। बच्चों और विद्यार्थियों के लिए यह अत्यंत लाभकारी माना गया है।
श्वसन और हृदय स्वास्थ्य में सुधार
श्री गणेशाष्टकम् का पाठ करते समय व्यक्ति गहरी और नियंत्रित साँसें लेता है, जो एक प्रकार की प्राणायाम प्रक्रिया बन जाती है। इससे फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और हृदय की धड़कनों की गति संतुलित रहती है। इसके कारण ब्लड प्रेशर और कार्डियोवस्कुलर हेल्थ में भी सुधार देखा गया है।
नींद की गुणवत्ता में सुधार
जो लोग नियमित रूप से श्री गणेशाष्टकम् का पाठ करते हैं, उन्हें बेहतर नींद आती है। इसका मुख्य कारण यह है कि पाठ के बाद मन शांत और विचार स्थिर हो जाते हैं, जिससे शरीर डी-स्ट्रेस मोड में चला जाता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अनिद्रा या बेचैनी की स्थिति से गुजर रहे हैं।
इम्यून सिस्टम को भी मिलती है मजबूती
हालांकि यह सीधे तौर पर नहीं दिखता, लेकिन मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को भी सशक्त बनाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो कम तनाव और अच्छी नींद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाते हैं। ऐसे में 'श्री गणेशाष्टकम्' अप्रत्यक्ष रूप से इंफेक्शन और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।

