Samachar Nama
×

शराब के घड़े से जन्मी देवी लक्ष्मी की बड़ी बहन! जाने भगवान विष्णु को उनके संग विवाह के लिए क्यों करना पड़ा विशेष इंतजाम ?

शराब के घड़े से जन्मी देवी लक्ष्मी की बड़ी बहन! जाने भगवान विष्णु को उनके संग विवाह के लिए क्यों करना पड़ा विशेष इंतजाम ?

लाल आँखें, दुर्बल और मलिन शरीर, मैले वस्त्र और शरीर पर लोहे के आभूषण... यह माँ लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी की छवि है। माँ लक्ष्मी के बिल्कुल विपरीत। जहाँ माँ लक्ष्मी सुख, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं, वहीं उनकी बहन अलक्ष्मी जहाँ भी निवास करती हैं, वहाँ दरिद्रता, दुःख, कष्ट आदि व्याप्त होते हैं। उनकी कथा बड़ी रोचक है। अलक्ष्मी को माँ लक्ष्मी की बहन क्यों माना जाता है और कैसे स्वयं देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से विवाह करने पर ज़ोर दिया था। साथ ही, अलक्ष्मी कहाँ निवास करती हैं और उन्हें अपने घर में प्रवेश करने से कैसे रोका जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं।

अलक्ष्मी माँ लक्ष्मी की बड़ी बहन हैं

ऐसा माना जाता है कि माँ लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। इसी प्रकार, कथा यह भी कहती है कि अलक्ष्मी भी समुद्र मंथन से मदिरा के साथ निकली थीं। इसलिए उन्हें माँ लक्ष्मी की बड़ी बहन कहा जाता है। तब भगवान विष्णु माँ लक्ष्मी से विवाह करना चाहते थे, लेकिन अलक्ष्मी बड़ी थीं। ऐसे में सनातन धर्म के अनुसार, पहले अलक्ष्मी का विवाह होना आवश्यक था, उसके बाद ही छोटी बहन देवी लक्ष्मी का विवाह होगा।

देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु से क्यों अड़ गईं?

चूँकि अलक्ष्मी का रूप कुरूप था और उनका शरीर भी मैल से भरा था, इसलिए कोई भी उनसे विवाह नहीं करना चाहता था। कहते हैं कि इसके बाद माता लक्ष्मी भगवान विष्णु से अड़ गईं कि पहले अलक्ष्मी का विवाह होगा, उसके बाद ही वह उनसे विवाह करेंगी। इसके बाद भगवान विष्णु को अलक्ष्मी के विवाह की व्यवस्था करनी पड़ी। उन्होंने उद्दालक ऋषि को अलक्ष्मी से विवाह के लिए राजी किया। इसके बाद दोनों का विवाह हो गया।

अलक्ष्मी कहाँ रहती हैं?

विवाह के बाद उद्दालक ऋषि अलक्ष्मी को लेकर उनके आश्रम पहुँचे, लेकिन अक्ष्मी ने वहाँ जाने से इनकार कर दिया। तब ऋषि ने पूछा कि आपका निवास कहाँ है? इस पर अलक्ष्मी ने बताया कि जहाँ गंदगी होती है। वहाँ लड़ाई-झगड़ा होता है। मांस-मदिरा का सेवन होता है। अधार्मिक कृत्य होते हैं। ऐसे घरों में वह निवास करती हैं। तब उद्दालक ऋषि ने अलक्ष्मी को पीपल के वृक्ष के नीचे बिठाया और उनके लिए उपयुक्त स्थान खोजने चले गए।

अलक्ष्मी से कैसे बचा जाए? अलक्ष्मी ने पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर काफी समय बिताया और जब उद्दालक ऋषि नहीं आए, तो वह दुखी हो गईं। अपनी बड़ी बहन को दुखी देखकर माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को अपना दुख सुनाया। तब श्री हरि विष्णु ने कहा कि पीपल मेरा निवास स्थान है, इसलिए अलक्ष्मी यहां निवास कर सकती हैं। तब से अलक्ष्मी का निवास पीपल के वृक्ष के नीचे माना जाता है। साथ ही, पीपल की पूजा करने वाले व्यक्ति को अलक्ष्मी नुकसान नहीं पहुँचाती हैं। इसके साथ ही, ऐसा कहा जाता है कि अलक्ष्मी को खट्टा और मिर्च वाला भोजन पसंद है। इसीलिए घरों और प्रतिष्ठानों के बाहर नींबू और मिर्च लटकाए जाते हैं ताकि अलक्ष्मी वहां से भोजन करके वापस लौट जाएं। वह अंदर प्रवेश नहीं करती हैं। इसके अलावा, जहां साफ-सफाई और धार्मिक कार्य होते हैं, वहां अलक्ष्मी प्रवेश नहीं करती हैं।

Share this story

Tags