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वो अनोखा मंदिर जहां चढ़ाया जाता है खिलौना हवाई जहाज और फटाक से मिल जाता है वीजा, जानिए इस अनोखी मान्यता का रहस्य 

वो अनोखा मंदिर जहां चढ़ाया जाता है खिलौना हवाई जहाज और फटाक से मिल जाता है वीजा, जानिए इस अनोखी मान्यता का रहस्य 

हर व्यक्ति अपने परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करता है। लोग परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए भगवान की शरण में जाते हैं। लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर है जहां लोग अनोखी मनोकामना करते हैं। मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां आकर भगवान को हवाई जहाज चढ़ाने से जल्दी वीजा मिल जाता है। हम सभी जानते हैं कि किसी भी व्यक्ति को विदेश यात्रा करने के लिए पासपोर्ट और वीजा की जरूरत होती है।

वीजा बनवाना एक कठिन प्रक्रिया है। लोगों को अलग-अलग देशों का वीजा बनवाने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों का मानना ​​है कि इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से ही वीजा अप्रूवल की समस्या दूर हो जाती है और उनका विदेश जाने का सपना पूरा हो जाता है। यह मंदिर तेलंगाना के हैदराबाद से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है, जिसे चिलकुर बालाजी के मंदिर के नाम से जाना जाता है। लोगों का मानना ​​है कि वीजा के लिए दूतावास के चक्कर लगाने से बेहतर है कि चिलकुर बालाजी मंदिर में जाकर हवाई जहाज चढ़ाया जाए। इससे वीजा मिलने में आसानी होती है। इस मंदिर को वीजा वाले मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 

लोग यहां अच्छी नौकरी की मनोकामना लेकर आते हैं। मान्यता है कि चिलकुर बालाजी की 11 परिक्रमा करने से मांगी गई मुराद कभी पूरी नहीं होती और जब भक्तों की मुराद पूरी हो जाती है तो वे दोबारा यहां आकर बालाजी की 108 परिक्रमा करते हैं। यह मंदिर 500 साल पुराना है और इसका इतिहास काफी रोचक है। वेंकटेश बालाजी का एक भक्त रोजाना कई किलोमीटर पैदल चलकर उनके दर्शन करने तिरुपति बालाजी मंदिर आता था। लेकिन एक दिन उसकी तबीयत खराब हो गई, जिसके कारण वह मंदिर नहीं जा सका। 

ऐसे में बालाजी खुद अपने भक्त के सपने में आए और कहा कि तुम्हें मेरे दर्शन के लिए इतनी दूर जाने की जरूरत नहीं है, मैं यहीं तुम्हारे पास के जंगल में रहता हूं। इसके बाद जब बालाजी का भक्त भगवान द्वारा बताई गई जगह पर गया तो उसे वहां उभरी हुई जमीन दिखाई दी। इसके बाद भक्त ने वहां की जमीन खोदी तो वहां से खून जैसा पदार्थ निकलने लगा और फिर आकाशवाणी हुई कि इस जमीन को दूध से नहलाया जाए और यहां मूर्ति स्थापित की जाए। भक्त ने आकाशवाणी के अनुसार वहां बालाजी की मूर्ति भी स्थापित की। आज यह मंदिर चिलकुर बालाजी के नाम से प्रसिद्ध है।

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